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Winter Heating Appliances : हीटिंग उपकरण स्वास्थ्य के लिए है नुकसानदायक, सर्दी के मौसम में यूज करने से पहले जान लें यह जरूरी बात

सर्दी का मौसम (winter) आते ही खांसी, जुकाम और गले में खराश, कफ, सीने में दर्द, निमोनिया जैसी बीमारियां होना आम है. हालांकि, इससे बचाव जरूरी है, क्योंकि बच्चों और बुजुर्गों पर इसके गंभीर असर हो सकते हैं. इससे निबटने के लिए लोग अक्सर घर के अंदर गर्माहट (room heaters safe or not) बनाये रखने के लिए हीटिंग उपकरणों (Winter Heating Appliances) का उपयोग करते हैं. पिछले कुछ वर्षों में इन उपकरणों के उपयोग में तेजी आयी है.

सर्दी का मौसम (winter season) आते ही खांसी, जुकाम और गले में खराश, कफ, सीने में दर्द, निमोनिया जैसी बीमारियां होना आम है. हालांकि, इससे बचाव जरूरी है, क्योंकि बच्चों और बुजुर्गों पर इसके गंभीर असर हो सकते हैं. इससे निबटने के लिए लोग अक्सर घर के अंदर गर्माहट (room heaters safe or not) बनाये रखने के लिए हीटिंग उपकरणों (Winter Heating Appliances) का उपयोग करते हैं. पिछले कुछ वर्षों में इन उपकरणों के उपयोग में तेजी आयी है.

अधिकांश हीटरों के अंदर लाल-गर्म धातु की रॉड या सिरेमिक कोर होते हैं. कमरे के तापमान को बढ़ाने के लिए हवा गर्म होकर निकलती है. इस दौरान जलती हुई गर्म धातु हवा में मौजूद पानी को सोख लेती है. इन हीटरों से निकलने वाली हवा गर्म और बेहद रूखी होती है. हीटरों के इस्तेमाल से हमारी त्वचा में रूखापन आने लगता है. घर में हवा में मौजूद ऑक्सीजन भी जल जाती है. इससे कमरे में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जो कई बार जानलेवा भी हो सकती है.

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हीटिंग उपकरणों से होनेवाली समस्याएं : पारंपरिक हीटर वाले कमरों में सुस्ती, जी मिचलाना और सिरदर्द जैसी समस्याएं आ सकती हैं. हैलोजन हीटर का उपयोग भी ठीक नहीं है, इससे रेडिएशन का खतरा होता है, साथ ही इन हीटरों से ऐसे रसायन निकलते हैं, जो श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं. दमा व एलर्जी से पीड़ित लोगों को इसका अधिक नुकसान होता है. सर्दी के मौसम में घर के अंदर हीटर का नियमित इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि इससे रूम के अंदर कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है व आपको घुटन हो सकती है. तापमान में उतार-चढ़ाव से ब्रोंकाइटिस की समस्या हो सकती है. ब्रोंकाइटिस और साइनसाइटिस के मरीजों में एलर्जी की आशंका अधिक होती है. ऐसे रोगियों के फेफड़ों में बलगम जमा हो जाता है, जिसके कारण खांसी और छींक आती है. हीटिंग उपकरणों का इस्तेमाल एलर्जी संभावित लोगों के लिए ठीक नही है, क्योंकि इससे बलगम सूख जाता है और शरीर के अंदर ही रह जाता है. इससे फेफड़े संक्रमित हो सकते हैं और परेशानी बढ़ सकती है.

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चेहरे व त्वचा को नुकसान : शुष्क हवा त्वचा को भी नुकसान पहुंचाती है. नमी की कमी से त्वचा पर पपड़ी बनने लगती है. लालीपन आ सकता है. कई बार रैशेज के साथ खून भी बाहर आने लगता है. गैस संचालित होनेवाली सेंट्रल हीटिंग चारों तरफ तेजी से फैलती है. यह बच्चों के फेफड़ों को अधिक नुकसान पहुंचाती है. गैस हीटरों का उपयोग करने वाले घरों में रहने वाले बच्चों को अस्थमा और खांसी, छींकने, घरघराहट के लक्षण देखने को मिलते हैं. इन हीटरों द्वारा छोड़ा जानेवाला कार्बन मोनोऑक्साइड बच्चों व बुजुर्गों को अधिक प्रभावित करता है. गैस हीटर घर में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड के स्तर को बढ़ाते हैं. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की वजह से अधिक परेशानी होती है और इसकी वजह से बार-बार अस्थमा का अटैक आता है, फेफड़ों में सूजन और संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है.

Posted By : Amitabh Kumar

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