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सर्दियों में क्यों बढ़ जाते हैं हार्ट अटैक के मामले, किन लोगों को है सबसे ज्याद खतरा

Heart Attack in Winter: सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने का मामला तेजी से बढ़ता है. भारत में लगभग हर रोज ऐसे केस सामने आ रहे है. जो लोगों को सोंचने पर मजबूर कर दिया है. यहीं नहीं फिलहाल कई मामले सामने आए हैं जिनमें हार्ट अटैक के आते ही उनकी मौत हो जाती है.

Heart Attack in Winter: सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने का मामला तेजी से बढ़ता है. भारत में लगभग हर रोज ऐसे केस सामने आ रहे है. जो लोगों को सोंचने पर मजबूर कर दिया है. यहीं नहीं फिलहाल कई मामले सामने आए हैं जिनमें हार्ट अटैक के आते ही उनकी मौत हो जाती है. ऐसे कई मामले कैमरा में कैद भी हुए हैं कि अचानक कोई इंसान हंसते, खेलते, चलते, नाजचे गिर जाता है और उनकी मौत हो जाती है. आइए इस विषय में विस्तार से जानते हैं.

क्यों होते हैं हार्ट अटैक?

ये मामला युवाओं में भी देखने को मिल रहे हैं. माना जा रहा कि ठंड के मैसम में हाई ब्लड प्रेशर, खराब खान पान की आदतें, व्यायाम ना करना और तनाव के कारण ऐसे मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. रिसर्च के अनुसार सर्दियों में जब बाहर का मौसम ठंडा होता है, तो बड़ी संख्या में लोग हार्ट अटैक के शिकार होने लगते हैं. आइए जानते हैं कैसे रखें अपने दिल का ख्याल.

खून का थक्का कैसे बनता है?

रक्तचाप का पर्यावरण के तापमान से विपरीत संबंध होता है. सर्दियों के दौरान रक्तचाप बढ़ जाता है, जिससे हृदय को समान मात्रा में रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए हमारी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं. “यह आपकी त्वचा और अंगों में रक्त के प्रवाह की मात्रा को कम करके आपके शरीर को गर्म रहने में मदद करता है, जो हृदय से सबसे दूर हैं, और आपके मुख्य अंगों में अधिक रक्त खींच रहा है ताकि आप ठंड महसूस न करें. जब आपकी रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं, तो हृदय को आपके रक्त को छोटे मार्गों से धकेलने के लिए अधिक बल का उपयोग करना पड़ता है, जिससे आपका रक्तचाप बढ़ जाता है. जब ऐसा होता है, तो आपके रक्त के थक्के बनने की संभावना अधिक हो सकती है. एक थक्का जो आपके मस्तिष्क या हृदय में ऑक्सीजन और रक्त के प्रवाह को रोकता है, स्ट्रोक का कारण बन सकता है. इसके अलावा, सर्दी वह समय है जब हम हाइड्रेशन को नजरअंदाज करते हैं. ठंड के मौसम में बिना प्यास के निर्जलित होना बहुत आसान है. यह आपके रक्त को चिपचिपा बना देता है, जिससे थक्का बनने का खतरा बढ़ सकता है.

हमें प्लाक फटने से क्यों सावधान रहना चाहिए?

“लोग थक्कों के बारे में चिंता कर सकते हैं लेकिन इससे अधिक प्लाक टूटना बड़ा जोखिम है. साथ ही ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रक्त वाहिकाएं टोन (छोटी धमनियों और धमनियों की दीवारों में संवहनी चिकनी मांसपेशियों की कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं) और तंग हो जाती हैं. इसी कारण से, प्लाक अस्थिर हो जाता है, उखड़ जाता है और इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.

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किन लोगों को है ज्यादा खतरा?

यह ध्यान रखना अनिवार्य है कि पहले से मौजूद जोखिम कारकों वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होगी – धूम्रपान करने वाले, मोटे लोग, उच्च रक्तचाप वाले रोगी, अत्यधिक शराब का सेवन करने वाले रोगी या जिनका पहले से ही हृदय की स्थिति का इलाज चल रहा है.

• उचित दवा और नियमित फॉलो-अप के माध्यम से रक्तचाप बनाए रखें

• सलाह के अनुसार जारी रखने के लिए सभी दवाएं लें

• अत्यधिक ठंड के संपर्क में आने से बचें और उचित कपड़े पहनें

• नमक के अत्यधिक सेवन से बचें

• अस्वास्थ्यकर खान-पान की आदतों और अत्यधिक खाने से बचें, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं

• एक स्वस्थ व्यायाम कार्यक्रम बनाए रखें लेकिन ज्यादा न करें.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Bimla Kumari
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I Bimla Kumari have been associated with journalism for the last 7 years. During this period, I have worked in digital media at Kashish News Ranchi, News 11 Bharat Ranchi and ETV Hyderabad. Currently, I work on education, lifestyle and religious news in digital media in Prabhat Khabar. Apart from this, I also do reporting with voice over and anchoring.

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