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ठंड के मौसम में 30 फीसदी तक बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, ऐसे बरतें ऐहतियात

ठंड के मौसम में दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. एक रिसर्च के मुताबिक इस मौसम में 30 फीसदी तक दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है. खासतौर से वैसे लोग जो ठंड के प्रति सेंसिटिव होते हैं और उन्हें पहले से दिल से संबंधित बीमारियां हैं, उनमें यह खतरा ज्यादा होता है.

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ठंड के मौसम में 30 फीसदी तक बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, ऐसे बरतें ऐहतियात 2

ठंड का मौसम आपके दिल पर कई तरह से प्रभाव डालता है. ठंड से बचने की प्रक्रिया में ब्लड सर्कुलेशन सिस्टम में उतार-चढ़ाव होता रहता है. वर्कआउट घट जाने से ठंड में ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, जिससे आपके हृदय तक रक्त का पहुंचना कठिन हो जाता है इसलिए हृदय रोग से बचने के लिए सावधानी बरतें. यदि पहले से ब्लड प्रेशर संबंधी कोई बीमारी नहीं हो तो ठंड के मौसम में इसमें अस्थाई वृद्धि हो सकती है, जो नॉर्मल है. यदि ब्लड प्रेशर संबंधी बीमारी का इलाज चल रहा हो तो ऐसे मरीज को ठंड के मौसम में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ती है.

पर्याप्त मात्रा में दिल तक नहीं पहुंचता है ऑक्सीजन

वर्कआउट करने या शारीरिक श्रम करने के दौरान शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है. इसके लिए ब्लड सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय हो जाता है और ब्लड वेसल्स या शरीर में ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए खुल जाती हैं. मुश्किल ऐसे लोगों को होती है जिनकी रक्त वाहिनियों में पहले से कोलेस्ट्रॉल जमा रहता है. इससे हृदय तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता और यह दिल का दौरा पड़ने का वजह बन जाता है. ठंड के मौसम में शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहने की वजह से भी इस तरह का खतरा ज्यादा होता है.

ब्लड प्रेशर से हो सकता है हार्ट अटैक

ब्लड सर्कुलेशन सिस्टम में मौजूद आर्टरीज के अंदर जो दबाव होता है, उसे ही ब्लड प्रेशर कहा जाता है. ठंड के मौसम में ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं जिससे उन्हें हृदय तक रक्त पहुंचाने के लिए ज्यादा मेहनत करने पड़ती है. इससे ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और यह दिल का दौरा पड़ने की वजह बन सकता है. ब्लड प्रेशर यदि हमेशा ही हाई रहता है तो ऐसे में धमनियां अचानक अवरुद्ध हो सकती हैं इसलिए विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार दवाइयां लेनी जरूरी हो जाती हैं.

धड़कनों का बढ़ना नहीं है संकेत

ठंड के मौसम में ज्यादातर लोगों में देखा जाता है कि दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं. कई बार लोगों को लगता है कि उन्हें दिल की बीमारी हो गई पर ऐसा नहीं होता है. ठंड के मौसम में धड़कनें बढ़ना सामान्य सी प्रक्रिया है. क्योंकि शरीर को गर्म रखने के लिए रक्त परिसंचरण तंत्र को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिसकी वजह से दिल की धड़कन सामान्य से कुछ ज्यादा हो सकती है. इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है. अगर यह समस्या अक्सर और लगातार बनी रहती हो तो विशेषज्ञ की सलाह लें.

अनियमित खानपान बढ़ाता है खतरा

आमतौर पर देखा जाता है कि ठंड बढ़ जाने पर लोग आराम करना ज्यादा पसंद करते हैं. इस दौरान तेल व मसाले युक्त भोजन और कुछ लोग शराब के सेवन को प्राथमिकता देते हैं जो हृदय की सेहत के लिए कहीं से भी ठीक नहीं है. ठंड के मौसम में अपने आहार को संतुलित रखें और जिन चीजों का सेवन दिल के लिए खतरा है, वह ना करें.

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  • ठंड के मौसम में परतदार कपड़े पहनें. बाहर निकलना हो तो पूरे शरीर के साथ सर को भी अच्छी तरह से ढक लें.

  • शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है अर्थात नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें. आमतौर पर ठंड के मौसम में लोग पानी पीना कम कर देते हैं जो दिल के सेहत के लिए ठीक नहीं है.

  • ठंड के मौसम में शरीर को सक्रिय रखने के लिए वर्कआउट बेहद जरूरी है. यदि कठिन व्यायाम करना संभव न हो तो हल्का व्यायाम या वॉकिंग कर सकते हैं.

  • यदि पहले से हृदय संबंधी कोई बीमारी हो तो ठंड के मौसम में विशेष एहतियात बरतना जरूरी है और अपनी दवाइयां विशेषज्ञों की सलाह पर नियमित अंतराल से लेते रहें

  • कैफीन और अल्कोहल का इस्तेमाल कम करें या बिल्कुल ही बंद कर दें, क्योंकि यह ब्लड प्रेशर बढ़ाते हैं.

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