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फ्रांस, इटली और बेल्जियम ने Hydroxychloroquine दवा के इस्तेमाल पर क्यों लगाई रोक?

France, Italy and Belgium countries take decision to pause trial of HCQ on COVID19 Patient हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) दवा को लेकर हाल ही में एक शोध आया था. जिसमें खुलासा हुआ कि इस दवा से मौत की संख्या में और इजाफा हुआ है. इसे लेकर फ्रांस, इटली और बेल्जियम से भी खबर आयी है कि यहां इस दवा से कोविड-19 के मरीजों का इलाज रोक दिया गया है. हालांकि, भारत ने दावा किया था कि यहां मरीजों में इस दवा से सुधार हो रहा है इसलिए इसका प्रयोग जारी रहेगा.

France, Italy and Belgium countries take decision to pause trial of HCQ on COVID19 Patient हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) दवा को लेकर हाल ही में एक शोध आया था. जिसमें खुलासा हुआ कि इस दवा से मौत की संख्या में और इजाफा हुआ है. इसे लेकर फ्रांस, इटली और बेल्जियम से भी खबर आयी है कि यहां इस दवा से कोविड-19 के मरीजों का इलाज रोक दिया गया है. हालांकि, भारत ने दावा किया था कि यहां मरीजों में इस दवा से सुधार हो रहा है इसलिए इसका प्रयोग जारी रहेगा.

फ्रांस ने बुधवार को इस दवा के प्रयोग को रोकने का निर्देश दे दिया. जबकि इतालवी मेडिसिन एजेंसी ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के क्लिनिकल परीक्षण के अलावा कोविड-19 के रोगियों पर इसके उपयोग पर रोक लगा दी है.

मार्च में ही फ्रांस ने एचसीक्यू के उपयोग की अनुमति दी थी. आपको बता दें कि यह दवा मुख्य तौर पर मलेरिया के मरीजों के लिए है इसके अलावा इसे ल्यूपस और रुमेटीइड गठिया के इलाज में भी प्रयोग किया जाता है. इधर, बेल्जियम की एक दवा एजेंसी ने भी इस दवा पर चल रहे परीक्षणों के अलावा इसे कोविड-19 के मरीजों पर प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. बेल्जियम ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इसके संभावित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए यह प्रतिबंध लगाया गया है.

गौरतलब है कि हाल ही में मेडिकल जर्नल द लांसेट ने बताया था कि एचसीक्यू से इलाज के दौरान पाया गया कि कोविड-19 के रोगियों में मृत्यु दर और हार्ट प्रॉब्लम में इजाफा हुआ है. शोधकत्र्ताओं ने इसे कुल 96032 मरीजों पर अध्ययन किया था. इनमें से 14888 मरीजों का उपचार इस दवा से किया जा रहा था. जिसमें 1,868 को क्लोरोक्वीन, 3,783 को मैक्रोलाइड के साथ क्लोरोक्विन, 3,016 को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और 6,221 को मैक्रोलाइड के साथ हाइड्रोक्सीक्लोरक्वाइन दिया गया था. जबकि, अन्य 81,144 मरीज की स्थिति ठीक थी.

अध्ययन में पाया गया कि अस्पताल में 10,698 यानी 11·1% रोगियों की मृत्यु हो गई. जिन मरीजों की स्थिति ठीक थी और उन्हें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वाइन दिया जा रहा था उनमें मृत्यु दर 9·3% थी. जबकि, जिन मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मैक्रोलाइड के साथ दिया गया उनमें मृत्यु दर 23·8%, जिन्हें केवल क्लोरोक्विन दिया गया था, उनमें मृत्यु दर 16·4% दिखा और जन्हें मैक्रोलाइड के साथ क्लोरोक्वीन दिया गया उनमें मृत्यु दर 22·2% दिखा.

इधर, अमेरिकी के स्वास्थ्य विभाग ने भी अब इस दवा को लेने से मना कर दिया है. हालांकि, हाल में खबर आयी थी वहीं के राष्ट्रपति ट्रम्प इसे लगातार खा रहे हैं, जिनमें अभी तक किसी तरह के नुकसान नहीं कोई संकेत नहीं मिले हैं.

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि उनका एक पैनल जून के मध्य में इस दवा के उपयोग का मूल्यांकन और परीक्षण करेगा. ऐसे में इस दवा के प्रयोग को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन पर अन्य देशों की निगाहें टिकी होंगी.

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