दिल्ली के साथ साथ देश के अन्य राज्यों में एक बार फिर वायु प्रदूषण (Air pollution ) का खतरा मंडराने लगा है. कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता (AIQ) बेहद खराब हो गई है. सर्दी के दिनों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ जाता है. इससे सांस लेने में बड़ी तकलीफ होती है. साथ ही सांस संबंधी बीमारियां दस्तक देती हैं. खासकर अस्थमा और फेफड़ों से संबंधित मरीजों के लिए यह मौसम प्रतिकूल होता है.
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि बीमारी और प्रदूषण की दोहरी मार का फेफड़ों पर बुरा असर हो रहा है, इसलिए इनकी सफाई (cleanse your lungs) और मजबूती बहुत जरूरी है. प्रदूषण के असर को कम करने के लिए आप अपनी रोज की चाय के साथ हर्बल प्रोडक्ट मिलाकर एलर्जी से बचा सकते हैं और फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं
दालचीन की चाय- अदरक वाली चाय में मौजूद एंटी इनफ्लेमटरी तत्व रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में कारगर हैं. साथ ही इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, जिंक और बीटा कैरोटीन जैसे औषधीय तत्व भी हैं. एक स्टडी के मुताबिक, अदरक शरीर में कैंसर सेल्स का भी खात्मा कर सकती है. फेफड़ों की सफाई के लिए नियमित रूप से अदरक वाली चाय पिएं.
लौंग की चाय- लौंग हमेशा से ही खांसी जुकाम का रामबाण इलाज रहा है। सर्दियों में लोग अपनी चाय में लौंग जरूर मिला कर पीते हैं. क्योंकि ये सिर्फ गले को ही साफ नहीं करता है हल्कि फेफड़ों को डिटॉक्स करता है. इससे आप प्रदूषण के असर को कम कर सकते हैं. इसके अलावा लौंग एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटीहिस्टामाइन से भरपूर होती हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में बहुत मददगार होती हैं.
अदरक की चाय- अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो खांसी और कंजेशन को कम कर सकते हैं. इसके अलावा ये गले की खराश और फेफड़ों की सूजन को भी कम करने में मदद करती है. दरअसल, अदरक में जिंजरोल और अन्य यौगिक होते हैं जो वायुमार्ग में सूजन को कम कर सकते हैं और इसके कॉन्ट्रेक्शन को रोक सकते हैं.
स्टीम- फेफड़ों की सफाई के लिए स्टीम थेरेपी सबसे अच्छा और आसान उपाय है. पानी की वाष्प न सिर्फ बंद पड़े एयर पैसेज को खोलती है, बल्कि फेफड़ों से बलगम भी निकालती है. सर्दियों के मौसम में तो ये और भी ज्यादा फायदेमंद होती है. स्टीम बेहद कम समय में सांस की तकलीफ से राहत दिला सकती है.
सेव जूस और आंवला का सेवन
इस ड्रिंक में क्वेरसेटिन और केलिन फ्लेवोनॉयड्स पाए जाते हैं, जो फेफड़ें संबंधी बीमारियों के प्रभाव को कम करते हैं. साथ ही गले में होने वाली घरघराहट दूर होती है. वहीं, आंवला में विटामिन-सी पाया जाता है, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. साथ ही शरीर में मौजूद टॉक्सिन बाहर निकल जाता है. इसके लिए रोजाना सुबह में सेव जूस और आंवला का सेवन करें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.