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Jharkhand news: दो मां के होते हुए भी अनाथों की तरह जी रहा 5 माह का राज कुमार, इस मासूम का क्या कसूर

jharkhand news: दो मां और दो पिता के होते हुए भी मासूम राज कुमार आज अनाथ है. मां के लाड व प्यार को तरसता राज कुमार इनदिनों मिशनरीज ऑफ चैरिटी में पल रहा है. एक मां ने जन्म दिया, पर गरीबी के कारण रख नहीं पा रही है, वहीं दूसरी मां पालना चाह रही, पर गोद लेने की जटिल प्रक्रिया में उलझ कर रह गयी है.

Jharkhand news: मासूम राज कुमार का क्या कसूर? दो मां व दो पिता हैं. इसके बाद भी मासूम राज अनाथों की तरह जी रहा है. पैदा करने वाली मां गुड़िया देवी बीमार है. टीबी बीमारी है. गरीब भी है. लाचार है. रहने के लिए सिर पर छत नहीं. सोने के लिए बिस्तर व पहनने के लिए अच्छे कपड़े नहीं है. इसलिए, वह अपने बच्चे को पाल नहीं सकती. वह अपने कलेजे के टुकड़े को एक दंपती (मनोहर व रीना देवी) को सौंप दी. अब दंपती ही उस मासूम के सबकुछ हैं.

बड़े लाड से मासूम को पाल रही थी रीना देवी

नि:संतान दंपती मासूम राज को अपना बेटा मानते हैं. पांच माह से माता-पिता की तरह परवरिश कर रहे हैं. रीना देवी राज को अपने कोख से पैदा नहीं दी, लेकिन अब राज को ही वह अपना बेटा मानती है. लेकिन, विडंबना देखिए. जिस राज को वह अपना बेटा मान चुकी है. उसे लाड-प्यार से पालते रही. सोना, जागना, खाना-पीना सबकुछ मासूम के साथ हो रहा है. लेकिन, अचानक रीना देवी अपने बच्चे से दूर हो गयी.

मासूम पहुंचा मिशनरिज ऑफ चैरिटी

सीडब्ल्यूसी, गुमला ने राज को अपनी सुरक्षा में ले लिया है, क्योंकि राज गुड़िया का बेटा है. अगर रीना को राज चाहिए, तो उसे कानूनी प्रक्रिया से आना होगा. अभी राज को मिशनरिज ऑफ चैरिटी में रखा गया है. चैरिटी की धर्मबहनें राज को पाल रही हैं. यह कैसे न्याय है. जिस राज की दो मां, एक जन्म देने व दूसरा पालन वाली है. इसके बाद भी वह अनजान लोगों के बीच अनाथ बना हुआ है.

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बिना राज के रीना नहीं रहना चाहती जिंदा

इधर, रीना देवी राज के बिना जिंदा रहना नहीं चाहती. राज के साथ बिताये पल को याद कर वह रो रही है. पालने वाला पिता भी आंखों में आंसू लिये राज को खोज रहा है. माता-पिता राज को खोजते हुए सीडब्ल्यूसी कार्यालय, गुमला पहुंचे. लेकिन, यहां के नियम व कानून सुन उनके आंखों में आंसू आ गये. रोते हुए वे कार्यालय से निकल गये. मां रीना ने कहा, हमारा बस यही अपराध है न कि उसकी अपनी मां गरीबी के कारण राज को पाल नहीं सकती. इसलिए मैं मां बनकर उसे पाल रही हूं. वह आंचल फैलाकर अपनी बेटे को देने की गुहार लगाते नजर आयी.

गोद लेने की प्रक्रिया से ही मिल पायेगा राज

इधर, सीडब्ल्यूसी गुमला कानून का हवाला दे रहा है. राज को जन्म देनी वाली मां गुड़िया अगर उसे पाल नहीं सकती, तो उसे गोद की प्रक्रिया में भेजा जायेगा. इसलिए सीडब्ल्यूसी राज को अपनी सुरक्षा में रखे हुए हैं. इधर, राज को जन्म देने वाली मां गुड़िया देवी अस्पताल में भर्ती है. उसकी इच्छा है. उसके बेटे को अच्छी जिंदगी मिले. जिसे उसने गोद दिया है. उसी के पास उसका बेटा रहे.

दो मां होते हुए भी अनाथ है राज

यहां बता दें कि गुड़िया देवी का घर गुमला शहर के आंबेडकर नगर में है. गरीबी के कारण जन्म के बाद राज को गुड़िया ने अपने ही नजदीकी आंबेडकर नगर निवासी रीना देवी को गोद दे दिया. हालांकि, शुरू में खबर आयी कि राज को गुड़िया ने बेचा है, परंतु जांच में पता चला कि रीना ने गुड़िया की गरीबी को देखते हुए कुछ मदद की थी. वह राज को खरीदी नहीं है, बल्कि अपना बेटा मानकर उसे पाल रही थी. लेकिन, अब राज सीडब्ल्यूसी के पास है और दो मां होते हुए भी वह अनाथ है.

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रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.

Prabhat Khabar Digital Desk
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