निर्देशक/लेखक: आदित्य धर
कलाकार: रणवीर सिंह, संजय दत्त, अक्षय खन्ना, आर. माधवन, अर्जुन रामपाल, सारा अर्जुन, राकेश बेदी
अवधि: 196 मिनट
रेटिंग: 4
Dhurandhar Movie Review: धुरंधर एक ऐसी फिल्म है जो खत्म होने के बाद भी दिल की धड़कनों में बनी रहती है. यह सिर्फ मनोरंजन नहीं—यह मातृभूमि के प्रति समर्पण, खुफ़िया जंग की कठिनाई और भारतीय वीरता का सिनेमाई सलाम है. आदित्य धर ने बड़े पैमाने पर बनाई इस कहानी में रोमांच, भावनाएँ और देशभक्ति को इस तरह बुना है कि दर्शक हर पल राष्ट्र से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं.
फ़िल्म की कहानी भारतीय खुफ़िया तंत्र और हमारे सुरक्षा बलों के उन संघर्षों को दिखाती है जिन्हें आम लोग अक्सर नहीं देख पाते. IC-814 हाईजैक, संसद हमला और आतंकी नेटवर्क से जुड़े संदर्भ इस कहानी को हकीक़त के बेहद करीब ले आते हैं. यह महसूस होता है कि देश की रक्षा सिर्फ सीमा पर ही नहीं—बल्कि रणनीति, दिमाग़ और लगातार चौकसी से भी होती है.
9/11 और दुनिया भर के आतंकी हमलों की असली फुटेज के साथ, फिल्म दर्शकों को यह समझाती है कि भारत का सुरक्षा ढांचा किस अंतरराष्ट्रीय दबाव और खतरों के बीच काम करता है. आतंकवादियों की इंटरसेप्टेड ऑडियो क्लिप्स एक चुभता हुआ यथार्थ लेकर आती हैं—कि राष्ट्र की सुरक्षा एक ऐसी लड़ाई है जो हर सेकंड लड़ी जाती है.
आदित्य धर का निर्देशन इस फ़िल्म की सबसे बड़ी जीत है. बड़े विजुअल, गहरी भावनाएँ, तेज़ रफ्तार और शानदार वर्ल्ड-बिल्डिंग—सब कुछ इतनी समझदारी से पेश किया गया है कि दर्शक कहानी के भीतर खो जाते हैं. उनका निर्देशन इस बात का प्रमाण है कि देशभक्ति और सिनेमाई ताक़त का मेल भारतीय सिनेमा को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकता है.
रणवीर सिंह अपने किरदार में आग, गुस्सा, रणनीति और दृढ़ता का ऐसा संगम दिखाते हैं कि स्क्रीन उन पर टिक जाती है. हर एक्शन सीन, हर दर्द, हर चिंगारी—दर्शकों को जकड़ लेता है. आर. माधवन अपनी स्थिरता और गंभीरता से कहानी की रीढ़ बनते हैं. संजय दत्त का रौब और शक्ति स्क्रीन पर धमाका करते हैं.
अक्षय खन्ना के शांत लेकिन खतरनाक अंदाज़ में विलेन का एक नया, डरावना रूप नजर आता है. अर्जुन रामपाल और सारा अर्जुन अपने-अपने हिस्से में गहरी छाप छोड़ते हैं.
सिनेमेटोग्राफी फ़िल्म को एक विशाल, अंतरराष्ट्रीय एहसास देती है. युद्धक्षेत्र, वास्तविक लोकेशन और खतरनाक मिशन इतने शानदार तरीके से फिल्माए गए हैं कि 196 मिनट बिल्कुल बोझ नहीं लगते. एडिटिंग कहानी को लगातार आगे बढ़ाती है, बिना किसी ढिलाई के.
BGM और ध्वनि-डिज़ाइन इस फ़िल्म की धड़कन हैं. हर धमाका, हर तनाव, हर भाव—संगीत इन्हें कई गुना बढ़ा देता है. यह वह बैकग्राउंड स्कोर है जो जनता के कानों में लंबे समय तक गूंजता रहेगा.
अंत दर्शकों को अगले भाग के लिए बेचैन कर देता है. ईद 2026 में आने वाला धुरंधर पार्ट 2 राजनीतिक दांव-पेच, खतरनाक मिशनों और हमज़ा की गहराती कहानी को और विस्फोटक बनाएगा.
ज्योति देशपांडे, लोकेश धर और आदित्य धर ने B62 Studios व Jio Studios के साथ मिलकर एक ऐसी फिल्म बनाई है जो भारतीय सिनेमा में देशभक्ति पर आधारित थ्रिलर्स का नया मानक तय करती है.
धुरंधर हर भारतीय के लिए एक अनुभव है—
एक गर्व, एक जोश, एक याद दिलाने वाली कहानी कि
राष्ट्र की रक्षा सिर्फ युद्ध नहीं—बल्कि एक निरंतर प्रतिज्ञा है.
इस वीकेंड जाएँ… और बड़े पर्दे पर इस रोमांचक देशभक्ति यात्रा का हिस्सा बनें.
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