The kerala Story Twitter Review: सुदीप्तो सेन की फिल्म द केरल स्टोरी इन-दिनों सुर्खियों में है. टीजर रिलीज होने के बाद से ही फिल्म विवादों में घिर गई. अदा शर्मा अभिनीत यह फिल्म सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित है. ऐसे बहुत से लोग थे, जिन्होंने फिल्म की रिलीज पर आपत्ति जताई और प्रतिबंध लगाने की मांग की. मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया, हालांकि इन सब के बावजूद आज फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और दर्शकों को काफी ज्यादा पसंद भी आ रही है. रांची में भी द केरल स्टोरी को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है. आईये जानते हैं दर्शकों को कैसी लगी फिल्म...
पब्लिक को पसंद आई फिल्म
प्रभात खबर जब रांची के थियेटर्स में पहुंचा और दर्शकों से पूछा कि उन्हें फिल्म कैसी लगी, तो उनका कहना है कि ये सिर्फ मूवी या फिर कहानी नहीं है, बल्कि सच्चाई है और हर लड़की को अपनी फैमिली के साथ ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए. एक और दर्शक लता रानी ने बताया कि ये फिल्म नहीं रियालिटी चेक है... इससे हर लड़कियों और जेनरेशन के लिए एक सीख है. तापस रॉय ने भी कहा कि ये बहुत अच्छी फिल्म है.. इसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए, सभी को जरूर देखनी ही चाहिए.
ट्विटर पर फैंस के रिएक्शन
इसके अलावा ट्विटर पर भी देशभर से लोगों की प्रतिक्रिया आ रही हैं. एक यूजर ने कहा, ''फर्स्ट हाफ तक फिल्म मैं लव जिहाद और कन्वर्जन के प्रोसेस को दिखाया गया है..बहुत अच्छी तरह से एग्जीक्यूट किया गया और बहुत अच्छी तरह से प्रस्तुत किया गया...फिल्म मेकर्स की बारीक रिसर्च को देखने को मिली है और टैलेंटेड @adah_sharma ने अपना बेस्ट दे दिया है... दूसरे हाफ के लिए तैयार...''. एक दूसरे यूजर ने कहा, '''द केरल स्टोरी' की विशेष प्री-स्क्रीनिंग में भाग लिया, और यह एक आंख खोलने वाला अनुभव था! यह शक्तिशाली फिल्म #लवजिहाद पर प्रकाश डालती है कृपया जाकर अपने दोस्तों और परिवार के साथ इस फिल्म को देखें''.
क्या है द केरल स्टोरी की कहानी
केरल की कहानी चार लड़कियों शालिनी (अदाह शर्मा), गीतांजलि (सिद्धि इदनानी), निमाह (योगिता बिहानी) और आसिफा (सोनिया बलानी) के इर्द-गिर्द घूमती है. वे सभी कमरे में रहते हैं, क्योंकि वे केरल के एक नर्सिंग स्कूल में पढ़ रहे हैं. ध्यान शालिनी पर है जबकि आसिफा का एक छिपा हुआ एजेंडा है - इन भोली-भाली लड़कियों को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए. फिर उन्हें आईएसआईएस में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है और तब से यह एक दर्दनाक यात्रा है. फिल्म में शालिनी ने बताया है कि कैसे और क्यों वह कट्टरपंथी बनी और वह किस दौर से गुजरी.