सनी लियोनी जल्द ही यूथ रियलिटी शो ‘स्प्लिट्सविला’ के 12 वें सीजन में बतौर होस्ट नजर आनेवाली हैं. ऑन स्क्रीन बोल्ड और बिंदास दिखने वाली सनी लियोनी से हमने उनके इस रियलिटी शो के साथ-साथ उनके मदरहुड पर भी बातचीत की. पेश है सनी लियोनी की उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
स्प्लिट्सविला जल्द ही अपने 12वें सीजन में जा रहा है, पिछले 6 सीजनों से आप इसका हिस्सा हैं, कैसा अनुभव रहा?
काफी मजेदार! एक छत के नीचे इतने सारे प्रतियोगियों को देखना दिलचस्प है. हर कोई अलग-अलग पृष्ठभूमि और मानसिक सोच से आता है, हम उन्हें अलग-अलग स्थिति देते हैं और फिर वे अपने गेम प्लान के अनुसार प्रतिक्रिया देते हैं. जो उनके कंफर्ट जोन से अलग होता है.मुझे लगता है कि यही बात इस रियलिटी शो की सभी को आकर्षित करती है.रणविजय के साथ होस्टिंग भी काफी मजेदार रही है. कैमरा भी हमारी बॉन्डिंग अच्छी है.यह दोस्ती पारिवारिक हो गयी है. मेरे बच्चे और उनकी बेटी प्लेइंग डेट्स पर भी साथ में जाते हैं. यह शो यूथ की सोच को जानने का एक जरिया भी है.
लव और रिलेशनशिप पर आधारित ये यूथ बेस्ड रियलिटी शो अक्सर विवादों में भी रहते हैं कहा जाता है कि ये यूथ के लिए सही नहीं?
जहां तक अच्छे की बात है कि शिक्षा के अलावा कुछ अच्छा नहीं हो सकता है. जब 18 साल के युवा देश की सरकार को चुन सकती है तो रियलिटी शो क्यों नहीं. स्प्लिट्सविला वास्तव में एक कलाकार के लिए एक बेहतरीन मंच है. कई कलाकार इस मंच से आये हैं. जो आज एंटरटेनमेंट फील्ड में अपना एक नाम बना रहे हैं.
तीन बच्चों की आप मां हैं, जिंदगी कैसी चल रही हैं?
जिंदगी और खूबसूरत हो गयी है, उनकी मुस्कुराहट बहुत प्यारी है. मैं अपने जीवन का सबसे अच्छा हिस्सा इसे कह सकती हूं. उन्हें बड़े होते देखना बहुत ही खास है. वे बहुत प्यारे हैं, मैं हाल ही में अपने पति डेनियल से कह रही थी कि अब बच्चों को बढ़ना बंद कर देना चाहिए. मैं चाहती हूं कि ये लम्हा हमेशा के लिए बस ऐसे ही कैद कर लूं.
बच्चे और काम को आप किस तरह से संतुलित करती हैं?
टाइम मैनेजमेंट और धैर्य यह दो चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं. जब तक मां नहीं बनी थी तब तक मैं शॉर्ट टेम्पर थी. अभी मुझमें धैर्य आ गया है और टाइम भी मैनेज करने लगी हूं. मैं और डैनियल दोनों ही योजना बनाते हैं और हमारे बच्चों के सोने से लेकर उनकी झपकी तक की टाइम हम दोनों में से कोई उनके साथ जरूर होते हैं. फिर चाहे रात के दो बजे बच्चों के लिए उठना ही क्यों पड़े. देर रात में बच्चे उठते हैं. उस दौरान डेनियल और मैं मिलकर उनका दूध गर्म करके उन्हें पिलाते हैं उनके डायपर बदलते हैं फिर उन्हें सुलाते हैं.
तीनों बच्चों में सबसे शरारती कौन है?
अभी तीनों बहुत ही छोटे हैं इसलिए शरारत का तो पता नहीं चलता है. अभी वे एक दूसरे को आश्चर्य से भरी आंखों से देखते हैं. वे तीनों चाहते हैं मम्मी पापा का सबसे ज़्यादा ध्यान खिंचना.लेकिन हां निशा बहुत ही केयरिंग हैं.वह एक एंजेल की तरह है. वह तीन साल की है लेकिन अपने भाइयों की परवाह के साथ साथ उनकी देखभाल भी करती है.जब मैं उसके भाइयों की नैप्पी बदलती हूं या खाना खिलाती हूं तो वो उसमें मेरी मदद की कोशिश करती है. लड़कियां बहुत खास होती हैं.
मीडिया में सेलेब्स के बच्चों की तस्वीरें भी खूब आती हैं. आप इसे किस तरह देखती हैं?
वे अपना काम कर रहे हैं. उनके डर से मैं अपने बच्चों को घर में नजरबंद नहीं कर सकती लेकिन हां मुझे अपने बच्चों को सामान्य जीवन देना है. मेरी और डैनियल की कोशिश होती है कि मीडिया में बच्चों के साथ ज्यादा फोटोज न क्लिक करवाये. अगर शेयर करना भी है तो हम अपने पर्सनल सोशल मीडिया एकाउंट में खुद से करते हैं, लेकिन वो भी बहुत कम.
क्या आपके बच्चे आपके पेशे को समझते हैं, वे आपकी फिल्म या टीवी शो देखते हैं?
मम्मी एक्ट्रेस है ये समझने के लिए वे बहुत छोटे हैं. वैसे हम घर पर मेरी ही फिल्में या टीवी शोज नहीं बल्कि किसी की भी नहीं देखते हैं. एनिमल प्लेनेट, समुन्द्र जीवन हम ये सब देखते हैं और बच्चे भी उसे पसंद करते है. वे क्या देखेंगे क्या नहीं अभी इस पर मेरा कंट्रोल रहता है बाद का मुझे पता नहीं.
एक्ट्रेस के साथ-साथ अब आप एंटरप्रेन्योर भी बन गयी हैं?
हां, हाल ही में मैंने और डेनियल ने मुंबई में द आर्ट फ्यूजन नामक एक कला विद्यालय खोला है, यह एक ऐसी जगह है जहां बच्चों को अलग अलग आर्ट सीखाने से लेकर व्यायाम करवाने, लाइब्रेरी में स्टोरी सुनाने से लेकर जुम्बा का भी प्रशिक्षण दिया जाता है. एक महत्वपूर्ण पहलू जो हमने कवर किया है वह है नींद. मेरे बच्चे एक दिन में 12 घंटे सोते हैं. रात के 9 बजे से अगले दिन 9 बजे तक तक.हां बीच में थोड़ा वह उठते हैं देर रात में लेकिन मैं उन्हें फिर सुला देती हूं.नींद बहुत जरूरी है.हममें से कई लोग इसके बारे में विस्तार से नहीं जानते हैं. यहां इसके बारे में भी जानकारी दी जाती है.जुड़ी चीज़ें हैं ताकि वह बच्चों को ्रदेखते हुए अपनी पसंद की चीजें भी कर सकते हैं.