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जब गोविंदा ने नीरज वोरा को मार दिया था थप्‍पड़, जानें एक्‍टर-डायरेक्‍टर के बारे में ये खास बातें…

एक्‍टर-डायरेक्‍टर नीरज वोरा का गुरुवार सुबह मुंबई के क्रिटी केयर अस्पताल में 4 बजे निधन हो गया. पिछले साल अक्‍टूबर में उन्हें हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक आया था. फिल्‍मों के अलावा नीरज वोरा उस समय एकबार फिर चर्चाओं में आ गये थे जब गोविंदा ने फिल्‍म ‘रण भोला रण’ के सेट पर उन्‍हें थप्‍पड़ […]

एक्‍टर-डायरेक्‍टर नीरज वोरा का गुरुवार सुबह मुंबई के क्रिटी केयर अस्पताल में 4 बजे निधन हो गया. पिछले साल अक्‍टूबर में उन्हें हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक आया था. फिल्‍मों के अलावा नीरज वोरा उस समय एकबार फिर चर्चाओं में आ गये थे जब गोविंदा ने फिल्‍म ‘रण भोला रण’ के सेट पर उन्‍हें थप्‍पड़ मार दिया था. इस फिल्‍म के डायरेक्‍टर नीरज ही थे. दरअसल गोविंदा को अपने कोस्‍टार आर्यन वैद के साथ एक हाई-वोल्‍टेज ड्रामा शूट करना था. जिसमें फिल्‍म के विलेन आर्यन को गोविंदा की पिटाई करनी थी. लेकिन आर्यन कुछ ज्‍यादा ही अपने करेक्‍टर में घुस गये और गोविंदा को जोर से थप्‍पड़ मार दिया. इसके बाद गोविंदा ने न आव देखा न ताव, उन्‍होंने फिल्‍म के डायरेक्‍टर नीरज को तमाचा मार दिया.

सूत्रों के अनुसार गोविंदा ने इसपर कहा था कि डायरेक्‍टर ने जानबूझकर उनकी बेइज्‍जती करने के लिए इस सीन को फिल्‍म में डाला था. लेकिन जब गोविंदा से इस बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया. हालांकि यूनिट वालों ने बताया कि गोविंदा ने नीरज वोरा को बहुत जोर से थप्‍पड़ मारा था.

हालांकि नीरज वोरा ने इस मामले को ज्‍यादा तूल ने देते हुए अपने बयान में कहा था,’ मैं एक अभिनेता भी हूं. किसी भी सीन को शूट करने से पहले मैं उसे कर के दिखाता हूं. मुझे लगता है कि सेट्स में मौजूद लोगों को लगा के कुछ परेशानियां है. ये एक हाई-वोल्‍टेज ड्रामा था, इसलिए थप्‍पड़ मारने और चिल्‍लाने पर लोगों को लगा कि ये असलियत में हो रहा है. मगर इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है.’

बता दें कि नीरज वोरा का जन्‍म गुजरात के भुज में साल 1963 में हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1984 में बतौर अभिनेता फिल्म ‘होली’ से की थी. उसके बाद उन्होंने ‘राजू बन गया जेंटलमैन’, ‘रंगीला’, ‘अकेले हम अकेले तुम’, ‘मन’ ‘बादशाह’, ‘हेलो ब्रदर’ जैसी फिल्मों में काम किया.

नीरज ने निर्देशन की दुनिया में कदम साल 2000 में फिल्म ‘खिलाडी 420’ से रखा था. इस फिल्म में मुख्य भूमिका में अक्षय कुमार, महिमा चौधरी और गुलशन ग्रोवर नजर आये थे इस फिल्म ने बॉक्स-ऑफिस पर काफी अच्छी कमाई की थी. इस फिल्म के बाद उन्होंने कई बेहतरीन फ़िल्में निर्देशित की जिनमें ‘फिर हेराफेरी’, ‘रन भोला रन’, ‘फैमिलीवाला’ है.

उन्‍हें साल 2000 में फिल्‍म ‘हेरा फेरी’ के लिए बेस्‍ट स्‍क्रीनप्‍ले और बेस्‍ट डायलॉग का स्‍क्रीन अवार्ड मिला था. लेखक के तौर पर वोरा ने 80 के दशक के अंत में टीवी कार्यक्रमों में काम करना शुरू किया था. इन कार्यक्रमों में सुपरस्टार शाहरुख खान अभिनीत सर्कस शामिल है. वोरा फिलहाल ‘हेरा फेरी’ श्रृंखला की तीसरी फिल्म पर काम कर रहे थे.

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