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भोजपुरी सुपरस्‍टार निरहुआ से लेकर अक्षरा सिंह तक, सितारों की इन फिल्‍मों पर गहराया संकट

bhojpuri superstar dinesh lal yadav nirhua to akshara singh these bhojpuri films: भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री (Bhojpuri Cinema) का भविष्य कोरोना की वजह से इनदिनों अधर में नज़र आ रहा है. साल में 50 से 55 फिल्में रिलीज करने वाली भोजपुरी इंडस्ट्री लॉकडाउन के बाद किस तरह से फिर अपने पैरों पर खड़ी होगी. हिंदी फिल्मों की तरह भोजपुरी फिल्मों (Bhojpuri Films) को भी ओटीटी प्लेटफार्म जैसा कोई विकल्प तलाशने की ज़रूरत है

भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री (Bhojpuri Cinema) का भविष्य कोरोना की वजह से इनदिनों अधर में नज़र आ रहा है. साल में 50 से 55 फिल्में रिलीज करने वाली भोजपुरी इंडस्ट्री लॉकडाउन के बाद किस तरह से फिर अपने पैरों पर खड़ी होगी. हिंदी फिल्मों की तरह भोजपुरी फिल्मों (Bhojpuri Films) को भी ओटीटी प्लेटफार्म जैसा कोई विकल्प तलाशने की ज़रूरत है क्योंकि आनेवाले वक़्त में सोशल डिस्टेंसिंग के फार्मूले के तहत सिंगल स्क्रीन्स थिएटर्स में दर्शकों की संख्या में कमी नज़र आ सकती हैं. भोजपुरी इंडस्ट्री के इन पहलुओं पर इंडस्ट्री से जुड़े कई प्रसिद्ध नामों से उर्मिला कोरी की यह बातचीत…

अंधेरा दिखायी दे रहा लेकिन हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठ सकते- रवि किशन (अभिनेता और निर्माता)

सभी फाइनेन्सर ने हाथ पीछे खींच लिए हैं. अब कैसे एक इंडस्ट्री चलेगी. ये चर्चा का विषय है. भोजपुरी इंडस्ट्री बहुत बुरी स्थिति में पहुंच गयी है. हमें फिर से खुद को समेटना होगा. फिर से खड़ा होना होगा. चिंता का विषय तो है लेकिन इस वक़्त पूरी दुनिया चिंता में है. भोजपुरी इंडस्ट्री छोटी इंडस्ट्री थी तो बहुत बुरी तरह से इसको भी मार लगी है. कैसे सुधार लाना है इसके लिए मीटिंग करनी होगी थोड़े चिंतन करने होंगे. एक्टर्स और निर्माता को साथ में मिलकर इससे निकलने का रास्ता ढूंढना होगा. अंधेरा दिखायी दे रहा है लेकिन हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठ सकते हैं. एक लाख से ज़्यादा लोग और उनसे जुड़े परिवारों का घर भोजपुरी इंडस्ट्री की वजह से चलता है. मेरी तीन से चार फिल्मों की रिलीज अटकी है. कुछ फिल्में साइन भी की थी. मुझे दो तीन फिल्मों की शूटिंग करनी थी. मेरी खुद की एक होम प्रोडक्शन फ़िल्म थी सनकी दरोगा वो भी अटक गयी है. ये बात साफ हो गयी है हमें लॉकडाउन के बाद भी कोरोना के साथ जीना होगा. ऐसे में ओटीटी जैसा कोई विकल्प हमें भोजपुरी के लिए भी तलाश करना होगा. सिर्फ थिएटर के भरोसे हम नहीं बैठे रह सकते हैं.

कम समय में अच्छी फ़िल्म बनानी होगी-दिनेश लाल यादव निरहुआ (अभिनेता और निर्माता)

लॉक डाउन की वजह से जो मेरी फिल्में रिलीज हो टल गयी है मुकद्दर का सिकंदर, दूल्हा हिंदुस्तानी है. हो गइल बा प्यार टिक टोक वाली से उसकी शूटिंग रुक गयी. निरहुआ रिक्शावाला 3, निरहुआ हिंदुस्तानी 4 की शूटिंग भी नहीं शुरू हो पायी इसके साथ ही निरहुआ तांगेवाला करके एक नयी सीरीज की शूटिंग भी रुक गयी. पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है तो भोजपुरी इंडस्ट्री कैसे अछूती रह सकती है लेकिन हम हालात से लड़ेंगे. एक बार शूटिंग शुरू होने की इजाज़त मिल जाए. उसके बाद चीज़ें ठीक होनी शुरू हो जाएंगी. जितने भी प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स हैं उन्होंने अपनी स्क्रिप्ट तैयार करके रखी है। लॉकडाउन में जो समय मिला है. उसका सभी ने सदुपयोग किया है. एक बार शूटिंग शुरू होगी तो मुझे लगता है कि फिर धीरे धीरे हम इससे उबर जाएंगे. कम समय में अच्छी फिल्म बनानी होगी. मैं मानता हूं कि सिंगल थिएटर की हालत बहुत जल्द सुधरने वाली नहीं है. यही वजह है कि मैं खुद अपना ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार कर रहा हूं. कई निर्माता इस कोशिश में मेरे साथ अपना एप्प बनाने में लगे हैं. जहां हम अपनी फिल्में बिना किसी परेशानी के रिलीज कर सकें. हमारी फिल्में यू ट्यूब पर तो रिलीज होती ही थी. हम जिओ, ऑल्ट बालाजी,अमेज़न प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी प्लेटफार्म को भी संपर्क कर रहे हैं अपनी फिल्मों को दिखाने के लिए देखिए क्या होता है.

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सरकार को मदद करनी होगी -अक्षरा सिंह (अभिनेत्री)

भोजपुरी इंडस्ट्री पर संकट गहराया है. मेरी फिल्में मजनुवा,राजा राजकुमार,डोली,शुभ घड़ी आयो जैसी कई फिल्मों की रिलीज औऱ शूटिंग रुक गयी है. सभी बड़े एक्टर्स और निर्माताओं को एक होकर काम करना होगा. मुझे लगता है कि मुम्बई जाने के बजाय यूपी बिहार में ही अब शूटिंग शुरू करनी चाहिए. सरकार को मदद करनी चाहिए भोजपुरी इंडस्ट्री को अपने पैर पर खड़ा होने में. सरकार मदद नहीं करती है इसलिए हम सभी को भुगतना पड़ता है. क्यों हमें मुम्बई पर ही निर्भर रहना पड़ता ह. भोजपुरी के दर्शक करोड़ों में हैं. हमारे गानों की व्यूज से पता चलता ही है. भोजपुरी सिर्फ फिल्मों तक नहीं सिमटे।दायरा बढ़ाना होगा. म्यूजिक इंडस्ट्री को भी साथ में स्थापित करना होगा. पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री से हमें सीख लेने की ज़रूरत है. बॉलीवुड उनके गाने लेता है. इसके साथ ही भोजपुरी के अपने सीरियल्स भी बनने चाहिए.इससे अपने लोगों को और रोजगार मिलेगा और भोजपुरी इंडस्ट्री भी बड़ी बनेगी.

ओटीटी प्लेटफार्म लाने की तैयारी- अभय सिन्हा ( निर्माता)

भोजपुरी इंडस्ट्री बुरी स्थिति में है. बहुत बुरा वक्त है. समझ नहीं आ रहा कि भोजपुरी इंडस्ट्री बच भी पाएगी या नहीं. कोरोना छोटे प्रोड्यूसर्स लोगों के मरने की नौबत ले आया है. मेरी पांच फिल्मों की रिलीज रुकी हुई है. सब बड़े स्टार्स के साथ वाली फिल्में दूल्हा हिंदुस्तानी निरहुआ के साथ, घातक में पवन सिंह, बलमवा में खेसारी है, सैयां अरब गइले 2 में भी वो हैं. हेल्लो ब्रदर्स फ़िल्म की शूटिंग रुकी हुई है. मेहंदी लगाकर रखना दो दिन ही चल पायी थी कि लॉकडाउन आ गया. आनेवाले समय में भी सोशल डिस्टेंसिंग जारी रहेगी ऐसे में थिएटर में फिल्में देखने वालों की संख्या अपने आप कम होने वाली है. भोजपुरी फिल्मों के लिए भी ओटीटी प्लेटफार्म लाने की प्लानिंग है लेकिन उसमें भी समय जाएगा. भोजपुरी फिल्मों के सात से ज़्यादा चैनल है लेकिन दिक्कत ये है कि उनसे रिकवरी नहीं होती है इसलिए फिल्मों को वहां रिलीज करना कोई हल नहीं है. मैं इम्म्पा से भी जुड़ा हूं. हमलोग भोजपुरी इंडस्ट्री को बचाए रखने की कोशिश में जुट गए हैं. मोदीजी को एसोसिएशन के ज़रिए चिट्ठी लिखी है कि जो छोटे प्रोड्यूसर है. उनकी मदद करें।लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही इंडस्ट्री को बचाये रखने के लिए काम करना होगा.

Posted By: Budhmani Minj

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