Highest Tax Paying State Of India: देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में टैक्स कलेक्शन का बड़ा योगदान होता है. हर साल केंद्र सरकार को मिलने वाली आय में सबसे बड़ा हिस्सा जीएसटी और इनकम टैक्स जैसे टैक्स से आता है. वित्त वर्ष 2024-25 के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, भारत के कुछ राज्य टैक्स भुगतान में सबसे आगे हैं. इन राज्यों की टैक्स हिस्सेदारी यह भी दर्शाती है कि वहां की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत है.
महाराष्ट्र: टैक्स कलेक्शन में देश का सिरमौर
वित्त वर्ष 2024 में महाराष्ट्र ने 3.8 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन किया. अप्रैल 2025 में अकेले 41,645 करोड़ रुपये का टैक्स जमा हुआ. हालांकि इस दौरान ग्रोथ रेट थोड़ा घटकर 11 प्रतिशत पर आ गया, लेकिन टैक्स योगदान में महाराष्ट्र अब भी पहले स्थान पर है.
गुजरात: तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का उदाहरण
गुजरात ने 2024-25 में 1.74 लाख करोड़ रुपये टैक्स जमा किया. अप्रैल 2025 में 14,970 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ. यहां साल-दर-साल 13 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है, जो इसकी आर्थिक मजबूती को दर्शाता है.
कर्नाटक: टेक और स्टार्टअप हब की ताकत
कर्नाटक ने 2024 में 1.43 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन किया. अप्रैल 2025 में यह आंकड़ा 17,815 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. IT और स्टार्टअप सेक्टर के चलते राज्य की टैक्स क्षमता काफी मजबूत है.
तमिलनाडु: उद्योगों से मजबूत योगदान
तमिलनाडु ने वित्त वर्ष 2024 में 1.2 लाख करोड़ रुपये और अप्रैल 2025 में 13,831 करोड़ रुपये टैक्स दिया। राज्य का औद्योगिक ढांचा इसे टॉप टैक्सपेयर राज्यों में बनाए हुए है.
उत्तर प्रदेश: अब पिछड़े नहीं, आगे बढ़ते राज्यों में
यूपी ने 2024 में 1.5 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया और अप्रैल 2025 में 13,600 करोड़ रुपये टैक्स जमा किया. राज्य तेजी से औद्योगिक और आर्थिक रूप से आगे बढ़ रहा है.
टैक्स योगदान क्यों है जरूरी?
राज्यों का टैक्स योगदान सिर्फ आर्थिक आंकड़ा नहीं, बल्कि विकास और औद्योगिक स्थिति का भी संकेत है. टैक्स ज्यादा देने वाले राज्य, निवेश, रोजगार और उत्पादन के मामले में भी देश के लिए मिसाल बनते हैं.
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