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यूपी बोर्ड 10वीं में पास होने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? यहां जानें पूरा फॉर्मूला

UP Board Exam 2026 Passing Marks: यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा को लेकर बच्चों और माता-पिता के मन में सबसे बड़ा सवाल यही रहता है कि आखिर पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए. कौन सा सब्जेक्ट कैसे आता है. और एग्जाम का पूरा पैटर्न क्या होता है. दरअसल यूपी बोर्ड हर साल अपनी परीक्षा को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए कुछ बदलाव भी करता रहता है.

UP Board Exam 2026 Passing Marks: यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा में पासिंग मार्क्स का मूल नियम लगभग एक जैसा ही रहता है. इसलिए अगर आप इस बार यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा देने जा रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके बहुत काम आने वाला है. यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा (UP Board Exam 2026) पास करना मुश्किल नहीं है. बस नियमित पढ़ाई. मॉडल पेपर का अभ्यास और समय का सही इस्तेमाल जरूरी है.

UP Board Exam 2026 Passing Marks: पासिंग मार्क्स कितने हैं?

सबसे पहले बात करते हैं सबसे जरूरी चीज यानी पासिंग मार्क्स की. यूपी बोर्ड 10वीं में पास होने के लिए आपको हर विषय में कम से कम 33 प्रतिशत अंक लाने होते हैं. इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी पेपर का जितना भी कुल अंक हो. उसमें से कम से कम 33 प्रतिशत स्कोर करना जरूरी है. अगर किसी एक विषय में नंबर कम आ गए तो वही पेपर आपका रिजल्ट बिगाड़ सकता है. इसलिए हर सब्जेक्ट पर बराबर ध्यान देना जरूरी है.

एग्जाम पैटर्न कैसा होता है

यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा (UP Board Exam 2026) का पैटर्न काफी आसान और समझने लायक है. ज्यादातर पेपर दो हिस्सों में होते हैं. पहला लिखित परीक्षा और दूसरा इंटरनल असेसमेंट या प्रैक्टिकल. लिखित परीक्षा आमतौर पर 70 अंकों की होती है और इंटरनल मार्क्स 30 के. हालांकि कुछ विषयों में यह थोड़ा अलग भी हो सकता है. लेकिन टोटल फॉर्मेट लगभग यही रहता है.

OMR और लिखित दोनों परीक्षा

लिखित परीक्षा में दो तरह के सवाल आते हैं. ऑब्जेक्टिव और डिस्क्रिप्टिव. ऑब्जेक्टिव सवाल OMR शीट पर भरने होते हैं जहां आपको सिर्फ सही विकल्प चुनना होता है. यह हिस्सा आसान जरूर लगता है. लेकिन बहुत सावधानी चाहिए क्योंकि एक छोटी सी गलती पूरा जवाब गलत कर सकती है. जबकि डिस्क्रिप्टिव सवालों में आपको अपने शब्दों में जवाब लिखना होता है. यहां लिखने का अभ्यास बहुत काम आता है.

इंटरनल मार्क्स और प्रैक्टिकल

कुछ विषयों में प्रैक्टिकल भी शामिल होता है. खासकर विज्ञान जैसे विषयों में. यहां आपके प्रयोग. रिकॉर्ड और परफॉर्मेंस के आधार पर नंबर दिए जाते हैं. इंटरनल मार्क्स का फायदा यह होता है कि अगर लिखित परीक्षा में कुछ कम नंबर आए तो इंटरनल उन्हें संभाल लेते हैं. इसलिए स्कूल में होने वाले प्रैक्टिकल को हल्के में बिल्कुल भी न लें.

यह भी पढ़ें: यूपी बोर्ड 10वीं साइंस की परीक्षा 70 अंकों की, यहां डाउनलोड करें सैंपल पेपर

Ravi Mallick
Ravi Mallick
स्कूली शिक्षा से लेकर नौकरी तक की खबरों पर काम करना पसंद है. युवाओं को बेहतर करियर ऑप्शन, करंट अफेयर्स और नई वैकेंसी के बारे में बताना अच्छा लगता है. बोर्ड परीक्षा हो या UPSC, JEE और NEET एग्जाम टॉपर्स से बात करना और उनकी स्ट्रेटजी के बारे में जानना पसंद है. युवाओं को प्रेरित करने के लिए उनके बीच के मुद्दों को उठाना और सही व सटीक जानकारी देना ही मेरी प्राथमिकता है.

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