JEE And GATE Difference: 12वीं में पीसीएम (फिजिक्स+केमिस्ट्री+ मैथ्स) को लेकर पढ़ने वाले मैक्सिमम स्टूडेंट इंजीनियरिंग या इस तरह के कोर्स में एडमिशन लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं जेईई और गेट परीक्षा में क्या अंतर है? अगर आप नहीं जानते हैं तो आइए आज हम आपको बताएंगे कि जेईई और गेट परीक्षा में क्या अंतर है? साथ ही जानेंगे कि इन दोनों परीक्षा के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या है.
JEE Exam: क्या है जेईई परीक्षा?
ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) एक नेशनल लेवल की प्रवेश परीक्षा है जो बीटेक, बीई और बीआर्क जैसे यूजी कोर्सेज के लिए भारत में आयोजित की जाती है. जेईई परीक्षा दो फेज में होती है, JEE Mains और JEE Advanced. इस परीक्षा के जरिए देश के कई संस्थान जैसे कि NIT, IIT में एडमिशन मिलता है. जेईई परीक्षा साल में एक बार आयोजित की जाती है. जेईई मेन और जेईई एडवांस परीक्षा पास करने वाले स्टूडेंट को IIT मिलता है. वहीं केवल जेईई मेन्स में स्कोर करने वाले को NIT मिलता है.
JEE Eligibility: क्या है एलिजिबिलिटी?
IIT JEE परीक्षा के लिए कैंडिडेट्स का पीसीएम विषय से 12वीं में पास होना जरूरी है. इस परीक्षा में उम्र और अटेंप्ट की लिमिट है. जेईई मेन (JEE Main) परीक्षा आप 12वीं पास करने के बाद लगातार 3 सालों तक दे सकते हैं. वहीं जेईई एडवांस्ड (JEE Advanced) परीक्षा12वीं पास करने के बाद लगातार 2 साल तक दे सकते हैं. जेईई मेन्स परीक्षा के लिए कोई अधिकतम आयु सीमा नहीं है. वहीं जेईई एडवांस के लिए अधिकतम आयु सीमा तय की गई है.
GATE Exam: क्या है गेट परीक्षा?
ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) भी एक नेशनल लेवल का एग्जाम है. ये एग्जाम भी इंजीनियरिंग की फील्ड के लिए है. लेकिन इसका आयोजन MTech, ME या PhD प्रोग्राम में एडमिशन के लिए किया जाता है. IITs, NITs और IISc जैसे संस्थान में एडमिशन के लिए गेट परीक्षा आयोजित की जाती है. इसके साथ इस परीक्षा को पास करने के बाद विभिन्न सरकारी विभाग और PSUs जैसे कि ONGC, NTPC और IOCL में नौकरी के मौके भी मिलते हैं.
GATE Eligibility: एलिजिबिलिटी
GATE परीक्षा के लिए वे अप्लाई कर सकते हैं, जिन्होंने इंजीनियरिंग, साइंस या इससे जुड़े विषय में अपनी बैचलर डिग्री पूरी की है. वहीं गेट परीक्षा के लिए कोई अधिकतम आयु सीमा नहीं है.
Is JEE Tough or GATE: कौन सी परीक्षा है टफ?
आमतौर पर देखें अगर तो गेट परीक्षा को जेईई परीक्षा से ज्यादा टफ माना जाता है. गेट परीक्षा पोस्ट ग्रेजुएट लेवल के लिए है. ऐसे में इसका सिलेबस भी डीप और टफ होता है. साथ ही ब्रांच के अनुसार, सवाल भी टफ पूछे जाते हैं. फिर भी जेईई परीक्षा को गेट परीक्षा की तुलना में ज्यादा टफ माना जाता है. इसका कारण है कॉम्पिटिशन और कॉन्सेप्चुअली टफ होना.
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