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UPSC Success Story: मिट्टी वाला घर, पिता मजदूर, फोन से पढ़कर बेटा बन गया अफसर

UPSC Success Story: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का बेटा पवन कुमार, जिसने बचपन से ही गरीबी देखी. रहने के लिए मिट्टी का घर, पिता मजदूरी करते थे. लेकिन फिर भी उसने सपना देखा आईएएस बनने का और तीसरे प्रयास में सफलता हासिल कर ली. आइए, जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी-

UPSC Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा पास करना इतना आसान नहीं. इस परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं हमारे बीच जो तमाम मुश्किलों के बाद भी कड़ी मेहनत करके अपनी मंजिल पा लेते हैं. आज बात एक ऐसे ही आईएएस अधिकारी पवन कुमार (IAS Pawan Kumar) की. पवन कुमार जो मिट्टी के घर में रहते थे, उन्होंने बचपन से ही गरीबी देखी उनमें बचपन से ही पढ़ने की ललक थी. लेकिन कहते हैं न कि इरादा पक्का हो तो मंजिल मिल ही जाती है. 

UPSC Success Story: पिता करते हैं मजदूरी

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh News) के बुलंदशहर जिले के रघुनाथपुर गांव के रहने वाले हैं. पवन का बचपन एक कच्चे टिन-छप्पर वाले मकान में बीता. उनके पिता मुकेश कुमार मजदूर किसान थे. साथ ही मनरेगा में मजदूरी करते थे. ऐसे में घर का गुजारा किसी तरह हो रहा था.

UPSC Success Story: पिता का सपना, बेटा बने अफसर

ऐसे तो पवन के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. लेकिन उनके पिता ने देखा कि बेटे में पढ़ने की लगन है. ऐसे में पूरे परिवार ने पवन कुमार को पढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया. पवन कुमार बचपन से ही पढ़ने में अच्छे थे. वे हमेशा से ही अच्छा नंबर लाते थे. स्कूली पढ़ाई के बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक किया. हालांकि, उनका एक ही लक्ष्या था और वो है यूपीएससी सीएसई. 

UPSC Success Story: तीसरे प्रयास में हासिल की सफलता

पवन कुमार ने दिल्ली में 2 साल तक कोचिंग से पढ़ाई की. इसके साथ ही वे अपनी तैयारी के लिए सेल्फ स्टडी करते थे. इसके लिए वे फोन की मदद लेते थे. पवन कुमार यूपीएससी में दो बार असफल हुए, लेकिन तीसरे प्रयास में सफलता हासिल कर ली. उन्होंने अनुशासन, मोटिवेशन और दृढ़ संकल्प के दम पर सफलता हासिल कर ली. उन्होंने यूपीएससी सीएसई 2023 में 239वीं रैंक हासिल की थी.

UPSC Success Story: हजारों युवा के लिए प्रेरणा

पवन कुमार की यात्रा एक स्पष्ट संदेश देती है कि गरीबी, सीमित संसाधन और असफलताएं बाधा नहीं, बल्कि मोटिवेशन की डोर बन सकती हैं. परिवार का समर्थन, आत्म-नियंत्रण, और लक्ष्य के प्रति अटूट निश्चय ने उन्हें UPSC सफलता के शिखर तक पहुंचाया. 

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Shambhavi Shivani
Shambhavi Shivani
शाम्भवी शिवानी पिछले 3 सालों से डिजिटल मीडिया के साथ जुड़ी हुई हैं. उन्होंने न्यूज़ हाट और राजस्थान पत्रिका जैसी संस्था के साथ काम किया है. अभी प्रभात खबर की डिजिटल टीम के साथ जुड़कर एजुकेशन बीट पर काम कर रही हैं. शाम्भवी यहां एग्जाम, नौकरी, सक्सेस स्टोरी की खबरें देखती हैं. इसके अलावा वे सिनेमा और साहित्य में भी रुचि रखती हैं.

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