30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

धनबाद के निरसा में 14 साल बाद भी बराकर पर नहीं बना बारबेंदिया पुल, विधानसभा में भी उठ चुका है सवाल

धनबाद के निरसा में 14 साल बाद भी बराकर पर बारबेंदिया पुल नहीं बना है. इसे लेकर कई बार झारखंड विधानसभा में भी सवाल उठा चुके हैं लेकिन सरकार से केवल आश्वासन मिला है.

Dhanbad News: धनबाद के निरसा होकर बहने वाली बराकर नदी पर बारबेंदिया पुल का निर्माण 14 वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. यह पुल संताल परगना को धनबाद से जोड़ेगा. कार्य पूरा करने के लिए कई बार पहल हुई. वर्ष 2007-2008 में करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. उस समय लगभग 55 करोड़ प्राक्कलन राशि थी. निर्माण के दौरान ही भारी बारिश के चलते वर्ष 2008 में पुल के चार पिलर ढह गये. यह मुद्दा राज्य स्तर पर छाया रहा. राज्य सरकार ने पुल बनाने वाली कंपनी डोकानिया एंड ग्रुप को ब्लैकलिस्ट कर दिया था. इसको लेकर कई बार आंदोलन हुए.

पिलर टूटने के समय विधायक अपर्णा सेनगुप्ता राज्य में मंत्री थीं. उन्होंने ही शिलान्यास किया था. जब अरूप चटर्जी विधायक बने तो उन्होंने विधानसभा में निर्माण की मांग की. विधानसभा में लगातार सवाल उठते रहे, किंतु सरकार से केवल आश्वासन मिला. करीब तीन वर्ष पूर्व विशेष प्रमंडल विभाग ने पुन: पुल निर्माण की कवायद शुरू की. वेटलिफ्टिंग का टेंडर निकाला. दिल्ली की एक कंपनी ने वेटलिफ्टिंग का काम शुरू किया, लेकिन वह कार्य अधूरा छोड़ कर भाग निकली. विशेष प्रमंडल विभाग धनबाद ने आइआइटी आइएसएम धनबाद को अर्द्धनिर्मित पुल की स्टेबिलिटी जांच के लिए पत्र लिख रखा है.

जामताड़ा की दूरी 45 किमी हो जायेगी कम

पुल बन जाने से राज्य के आठ जिलाे सीधे तौर पर एक-दूसरे से जुड़ जायेंगे. निरसा से जामताड़ा की दूरी चित्तरंजन होते हुए करीब 65 से 70 किलोमीटर है. पुल निर्माण होने से यह दूरी मात्र 25 किलोमीटर रह जायेगी. इसके अलावा कोयलांचल का धनबाद, बोकारो, गिरिडीह एवं संताल परगना का जामताड़ा, देवघर, दुमका, गोड्डा का सीधा जुड़ाव हो जायेगा. जिससे क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेगा और विशेषकर निरसा व जामताड़ा क्षेत्र का और विकास भी होगा.

Also Read: धनबाद के गोविंदपुर में टैंकर से टकरायी कार, मां और चार साल के बेटे की मौत
नाव हादसे के बाद भी नहीं चेते

पुल नहीं रहने से धनबाद, गोविंदपुर, निरसा के अलावा बॉर्डर एरिया पश्चिम बंगाल के लोग जामताड़ा जाने या फिर जामताड़ा से इस ओर आने के लिए नाव का सहारा लेते हैं. नाव से बाइक भी पार करायी जाती है. यह काफी जोखिम भरा है. 15 मार्च 2022 को भयंकर बारिश एवं आंधी में एक नाव बराकर नदी में डूब गयी थी. उसमें सवार छोटे बच्चे, महिला-पुरुष मिलाकर 10 लोगों की जान चली गयी थी. बावजूद शासन-प्रशासन नहीं चेता.

रिपोर्ट : अरिंदम चक्रवर्ती, निरसा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें