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Dhanbad News: करोड़ों खर्च, नतीजा सिफर, 10,276 आवास हैं तैयार, रहनेवाला तो दूर, हैंडओवर लेनेवाला भी कोई नहीं

बीसीसीएल के अलग-अलग क्षेत्रों में लगभग 1019 करोड़ की लागत से लगभग 10,276 नये आवास बन कर तैयार हैं. निर्माण कार्य पूरे हुए दो वर्ष से अधिक समय हो गये, परंतु बीसीसीएल प्रबंधन ने उन आवासों में कर्मियों को शिफ्ट कराना तो दूर, हैंडओवर तक नहीं लिया है.

मनोहर कुमार, धनबाद: बीसीसीएल के अलग-अलग क्षेत्रों में लगभग 1019 करोड़ की लागत से लगभग 10,276 नये आवास बन कर तैयार हैं. इसमें कर्मचारियों के लिए करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से मोंटे कार्लो द्वारा करमाटांड़ में 4008 नये आवास बनाये गये, जबकि कमला आदित्य कंस्ट्रक्शन ने करीब 300 करोड़ की लागत से कोयला नगर, कुसुम बिहार, लोदना, गोविंदपुर व सीवी एरिया में कुल 4020 आवास (ए टाइप) बनाये.

वहीं अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए करीब 319 करोड़ खर्च कर जेके ओमेक्श-रिकॉन (जेबी) द्वारा कोयला नगर, पाथरडीह, तेतुलमारी व जोगीडीह में 2248 आवास (बी, सी व डी टाइप) बनाये गये. निर्माण कार्य पूरे हुए दो वर्ष से अधिक समय हो गये, परंतु बीसीसीएल प्रबंधन ने उन आवासों में कर्मियों को शिफ्ट कराना तो दूर, हैंडओवर तक नहीं लिया है.

आलम यह है कि कंपनी की नयी आवासीय कॉलोनियां कहीं पशुओं का चरागाह, तो कहीं असामाजिक तत्वों का ठिकाना बन गयी हैं. चोर-उचक्के हर दिन किसी न किसी आवासीय कॉलोनी के क्वार्टर का कभी खिड़की, तो कभी दरवाजा खोल लेते हैं. बीसीसीएल के ये जितने आवास बने हैं, उनमें से अधिकतर का टेंडर तब हुआ, जब टीके लाहिड़ी सीएमडी थे.

300 वर्गफीट के हैं आवास

विभिन्न इलाकों में जो आवास कर्मचारियों के लिए बनाये गये हैं, वह 300 से 380 वर्गफीट तक के हैं. इन आवासों में दो कमरा, किचन, बाथरूम, एक गैलरी और छोटी-सी बालकोनी है. यहां बीसीसीएल कर्मचारियों को शिफ्ट किया जाना है. कुसुम विहार में कुछ लोग रहते हैं. उनलोगों ने प्रभात खबर को बताया कि घर इतना छोटा है कि इसमें रहना मुश्किल है. यही नहीं, रात होते ही पूरे इलाके में अंधेरा पसर जाता है. जंगल-झाड़ उग गये हैं. दूसरे कर्मी कहते हैं कि शिफ्ट भी कर जायेंगे, तो यहां से कार्यस्थल पर जाने में बहुत परेशानी है.

  • तीन वर्ष से अधिक समय से बन कर तैयार हजारों नये आवास खंडहर में तब्दील हो रहे

  • हर दिन किसी क्वार्टर का दरवाजा चोरी हो रहा, तो किसी की खिड़की खुल रही

  • पशुओं का चरागाह, असामाजिक तत्वों का ठिकाना बनीं नवनिर्मित कॉलोनियां

पुनर्वास के लिए बने हैं 15,852 आवास

बीसीसीएल ने मास्टर प्लान के तहत भू-धंसान व अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे कर्मियों को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित करने के लिए कुल 15852 नये आवास बनाये हैं. इनमें 7639 आवास का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में ही पूरा हो चुका है. शेष 8213 आवासों का निर्माण वर्ष 2019 में पूरा हुआ. इन नये आवासों में अब तक महज 3917 कर्मियों की ही शिफ्टिंग हो सकी है. वजह बीसीसीएल कर्मी नयी आवासीय कॉलोनियों में जाना नहीं चाहते हैं.

कोयला नगर छोड़ कहीं नहीं हुई शिफ्टिंग

बीसीसीएल कर्मियों के लिए करमाटांड़ में कुल 4008 आवास, कोयला नगर में 1116 आवास व सिदुआटांड़ में 1212 नये आवास (ए टाइप) बनाये गये हैं. हैंडओवर नहीं होने के कारण अब तक एक भी कर्मचारी की शिफ्टिंग नहीं हो सकी है. वहीं कोयला नगर को छोड़ दें, तो अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए पाथरडीह, तेतुलमारी व जोगीडीह में बने कुल 2248 आवासों (बी, सी व डी टाइप) में भी शिफ्टिंग नहीं हो पायी है.

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  • मोंटे कार्लो ने 4008 व कमला आदित्य कंस्ट्रक्शन ने किया है 4020 आवासों का निर्माण

  • जेके ओमेक्श-रिकॉन (जेबी) ने 319 करोड़ में बनाये हैं 2248 आवास

  • नये आवासों को अबतक हैंडओवर नहीं ले सकी है कंपनी

  • इन कारणों से नहीं हो पा रही शिफ्टिंग

  • नये आवासीय परिसर व आवासों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव

  • आवासीय परिसर से कार्यस्थल आवागमन का साधन नहीं.

  • पानी-बिजली की भी समुचित व्यवस्था नहीं

  • इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी व नये आवास में जगह की कमी है

  • आवासीय परिसर में मैदान व चिकित्सकीय सुविधाओं का अभाव

शिफ्टिंग की स्थिति

क्षेत्र आवास शिफ्टिंग

कुसुम विहार 1250 72

कोयला नगर 1116 00

करमाटांड़ 4008 00

कार्मिक नगर 1268 454

सिदुआटांड़ 1212 00

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