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रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर झारखंड के 11 युवा से लाखों की ठगी, नियुक्ति पत्र दिलाने का दिया था झांसा

फर्जी सीबीआइ एसएसपी बनकर रेलवे विभाग के विभिन्न पदों पर बहाली कराने के नाम पर 11 अभ्यर्थियों से लाख रुपये की ठगी की है. ठगी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है, जिसमें विशेश्वर कुमार श्रीवास्तव उर्फ विनय और गौर शंकर विद्यार्थी को आरोपी बनाया गया है.

Deoghar News: फर्जी सीबीआइ एसएसपी बनकर रेलवे विभाग के विभिन्न पदों पर बहाली कराने के नाम पर 11 अभ्यर्थियों से 21.60 लाख रुपये की ठगी का खुलासा हुआ है. इस मामले में जसीडीह थाना में रोहिणी अजान टोला की रहनेवाली बबीता देवी के बयान पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया है, जिसमें विशेश्वर कुमार श्रीवास्तव उर्फ विनय और गौर शंकर विद्यार्थी को आरोपी बनाया गया है. इन दोनों के विरुद्ध भादवि की धारा 419, 420, 467, 468, 471 एवं 120 बी लगायी गयी है. मुकदमा दर्ज करने के बाद जसीडीह थाना से एसीजेएम की अदालत में भेजा दिया गया है.

दर्ज मुकदमा में उल्लेख है कि आरोपी विशेश्वर अपने को भारतीय रेलवे बोर्ड की निगरानी शाखा में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारी बताकर आरोपी गौरीशंकर के माध्यम से पैसों की ठगी करता था. आरोपियों द्वारा रेलवे बोर्ड में नौकरी दिलाने के नाम पर 11 युवकों से ठगी का खुलासा हुआ है. कहा गया है कि नौकरी दिलाने एवं रेलवे की परीक्षा पास कराने के नाम पर मोटी रकम देनी पड़ती है, ऐसा कहकर पैसों की ठगी की है. बेरोजगार युवकों एवं युवतियों से संपर्क कर पैसों की ठगी का यह खेल कई माह तक चलता रहा.

मुकदमा दर्ज करने वाली महिला बबीता देवी ने खुलासा की है कि आरोपी फर्जी अधिकारी बनकर उनके यहां आया और रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा दिया. उन्हें रेलवे की परीक्षा का फॉर्म भी भरवाया एवं आसनसोल में परीक्षा भी दिलवा दी. नियुक्ति पत्र दिलाने के नाम पर एक लाख रुपये भी लिया. एक अन्य अभ्यर्थी रंजीत कुमार दास से चार लाख रुपये लिया. इन दोनों को रेलवे विभाग में नौकरी का नियुक्ति पत्र तक भेज दिया. इसके बाद कई बार चक्कर लगाने के बाद भी ज्वाइनिंग नहीं दिला पाया, तब मामला प्रकाश में आया. इसमें इन दोनों के अलावा नौ लोगों से भी अलग-अलग राशि नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का आरोप लगाया गया है.

किससे कितनी हुई ठगी

नाम – राशि (रुपये)

  • बबीता देवी – एक लाख

  • रंजीत कुमार दास – चार लाख

  • दशरथ दास – दो लाख

  • सोनू कुमार – 1.50 लाख

  • प्रदीप कुमार – 1.50 लाख

  • रवि वर्मा – दो लाख

  • वीरेंद्र यादव – दो लाख

  • संजीव यादव – दो लाख

  • अमन राज – 1.60 लाख

  • मोहन पंडित – दो लाख

  • मीनाक्षी कुमारी – दो लाख

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आरोपी की नहीं हुई है गिरफ्तारी

मामला दर्ज करने के बाद किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. आरोपी विशेश्वर कुमार श्रीवास्तव उर्फ विनय जसीडीह के संथाली का रहने वाला बताया गया है, जबकि गौरी शंकर विद्यार्थी को भी जसीडीह का ही कथित पता मुकदमा में दर्ज है.

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