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केजरीवाल की पत्नी को कोर्ट का नोटिस, बीजेपी नेता की शिकायत पर सुनीता केजरीवाल तलब, दोषी होने पर दो साल की सजा!

बीजेपी नेता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की पत्नी ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. सुनीता केजरीवाल उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र और दिल्ली के चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूचियों में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं,

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ उनकी पत्नी की भी मुश्किलें बढ़ सकती है. दरअसल दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की पत्नी को समन जारी किया है. दो विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में सुनीता केजरीवाल का नाम होने पर कोर्ट की ओर से समन जारी किया गया है. दो विधानसभा क्षेत्रों में नाम होने को कानून का कथित तौर पर उल्लंघन का मामला सामने आ रहा है. इसी मामले में सुनीता केजरीवाल को तलब किया गया है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर ने भारतीय जनता पार्टी नेता हरीश खुराना की अर्जी पर 18 नवंबर को सुनीता केजरीवाल को आरोपी के तौर पर तलब किया.

बीजेपी नेता की शिकायत पर सुनीता केजरीवाल तलब
इधर बीजेपी नेता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की पत्नी ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. न्यायाधीश ने 29 अगस्त को पारित एक आदेश में कहा, शिकायतकर्ता और अन्य गवाहों की गवाही पर विचार करने के बाद, इस अदालत की सुविचारित राय है कि आरोपी सुनीता केजरीवाल पत्नी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 के तहत दंडनीय अपराध के लिए प्रथम दृष्टया मामला बनता है. इसलिए, आरोपी को तदनुसार तलब किया जाए.

अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान
गौरतलब है कि इस अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है. खुराना ने दावा किया कि सुनीता केजरीवाल उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र और दिल्ली के चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूचियों में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं, जो जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 17 का उल्लंघन है. उन्होंने दावा किया कि उनका अपराध अधिनियम की धारा 31 के तहत दंडनीय है, जो झूठी घोषणाओं से संबंधित है.

केजरीवाल ने किया बीजेपी पर हमला
गौरतलब है कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला किया था. दरअसल, जी 20 रात्रिभोज के निमंत्रण पत्र पर राष्ट्रपति का उल्लेख ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ के तौर पर किए जाने से पैदा विवाद के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार से सवाल किया कि यदि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ अपना नाम ‘भारत’ रख ले तो क्या भाजपा देश का नाम भारत से बदल कर कुछ और रख देगी.

केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस बारे में मुझे कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है लेकिन मैंने अफवाहें सुनी हैं. यह कहा जा रहा है कि ऐसा इसलिए हो रहा है कि हमने ‘इंडिया’ नाम से गठबंधन बनाया है. देश 140 करोड़ लोगों का है, ना कि किसी एक पार्टी का. यदि ‘इंडिया’ गठबंधन अपना नाम बदलकर ‘भारत’ कर लेता है, तो क्या वे भारत नाम भी बदल देंगे?’

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आम आदमी पार्टी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का घटक दल
बता दें, आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी गठबंधन से भयभीत है और यही कारण है कि वह इस तरह के बदलावों का सहारा ले रही है. उन्होंने इसे ‘देशद्रोह’ करार दिया. उन्होंने कहा, यह क्या मजाक है! यह हमारा देश है. हमारी एक प्राचीन संस्कृति है. केजरीवाल ने कहा कि भाजपा विपक्षी गठबंधन से इतनी परेशान है कि जब पहली बार इसकी घोषणा की गई, तब उसने अपने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव से लोगों का ध्यान इससे भटकाने की कोशिश की.

केजरीवाल ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के प्रति उनकी प्रतिक्रिया से यह प्रदर्शित होता है कि वे घबराये हुए हैं. उन्होंने ध्यान भटकाने के लिए ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की चाल चली. वे ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ कैसे करा सकते हैं? इससे लोगों को क्या फायदा होगा? इससे आपको और आपके परिवार को कैसे फायदा होगा? क्या इससे महंगाई, बेरोजगारी घटेगी?’

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