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Budget 2022: बजट पर विपक्ष की राय, TMC ने कहा- ‘हीरे’ सरकार के सबसे अच्छे मित्र, कांग्रेस बोली- वादे झूठे

Budget 2022 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में 2022-23 के आम बजट को पेश किया. इस दौरान उन्होंने बजट कई मुद्दों पर चर्चा की. बजट पास होने के बाद अब विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया भी आने लगी है.

Union Budget 2022 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में 2022-23 के आम बजट को पेश किया. इस दौरान उन्होंने बजट कई मुद्दों पर चर्चा की. बजट पास होने के बाद अब विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया भी आने लगी है. विपक्ष ने 2022-23 के आम बजट के लिए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने देश के वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग को राहत नहीं देकर उनके साथ विश्वासघात और युवाओं की जीविका पर आपराधिक प्रहार किया है.

मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं: राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है. मध्यम वर्ग, वेतनभोगी वर्ग, गरीब और वंचित वर्ग, युवाओं, किसानों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है.

आम लोगों को राहत नहीं: खड़गे

वहीं, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार के वादे एक के एक बाद झूठ साबित होते जा रहे हैं. राजकोषीय घाटा बहुत ही ज्यादा है और बजट में कॉरपोरेट कर घटाया गया है. उन्होंने कहा कि बजट में आम लोगों को राहत नहीं दी. वित्त मंत्री जी ने बजट भाषण के दौरान महाभारत का उल्लेख किया. मैं तो यही कहूंगा कि यह द्रोणाचार्य और अर्जुन का बजट है, एकलव्य का बजट नहीं है.

वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात: सुरजेवाला

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि भारत का वेतनभोगी वर्ग एवं मध्यम वर्ग महामारी, वेतन में चौतरफा कटौती और कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में राहत की उम्मीद कर रहा था. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री और पीएम मोदी ने एक बार फिर से अपने प्रत्यक्ष कर से संबंधित कदमों से इन वर्गों को बहुत निराश किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात है. सवाल करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि क्या सरकार ने क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आय पर कर लगाकर क्रिप्टो करेंसी को बिना विधेयक लाए ही वैध करार दिया है.

सीताराम येचुरी का सवाल, बजट किसके लिए है?

वहीं, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर सवाल किया है कि बजट किसके लिए है. सबसे अमीर 10 फीसदी भारतीय देश की कुल संपत्ति के 75 प्रतिशत के स्वामी हैं. नीचे के 60 प्रतिशत लोग सिर्फ पांच प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं. कोरोना महामारी के दौरान सबसे अधिक मुनाफा कमाने वालों पर अधिक कर क्यों नहीं लगाया गया. उन्होंने दावा किया कि शहरी रोजगार गारंटी के बारे में कोई घोषणा नहीं हुई. मनरेगा के लिए आवंटन पिछले साल के बराबर 73 हजार करोड़ रुपये रहा. युवाओं की जीविका पर आपराधिक हमला हुआ है.

बजट में बड़ी-बड़ी बातें, हकीकत में कुछ नहीं : ममता बनर्जी

इधर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने ट्वीट किया है कि बेरोजगारी और महंगाई से पिस रहे आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है. बड़ी-बड़ी बाते हैं और हकीकत में कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि पेगासस स्पिन बजट’ है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन ने दावा किया कि बजट से साबित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों, गरीबों और मध्य वर्ग की परवाह नहीं करते. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हीरे सरकार के सबसे अच्छे मित्र हैं. किसानों, मध्य वर्ग, दिहाड़ी मजदूरों, बेरोजगारों की प्रधानमंत्री कोई परवाह नहीं करते.

बजट ने लोगों को मायूस किया : केजरीवाल

आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि करोना काल में लोगों को बजट से बहुत उम्मीद थी. बजट ने लोगों को मायूस किया. आम जनता के लिए बजट में कुछ नहीं है. महंगाई कम करने के लिए कुछ नहीं.

जनता को लुभाने के लिए लाया गया बजट: मायावती

बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि संसद में आज पेश आम बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है, जबकि बीते वर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है, यह कितना उचित. केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिन्ताओं से मुक्त क्यों. उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अपनी पीठ आप ही थपथपा लेने से अभी तक देश की बात नहीं बन पा रही है. करों की मार लोगों का जीना दूभर किए हुए है. इसीलिए केन्द्र का भरसक प्रयास बेरोजगारी व असुरक्षा आदि के कारण लोगों में छाई तंगी, मायूसी व हताशा को कम करने का होता तो बेहतर होता.

बजट में ग्रामीण भारत और आम लोगों को कोई राहत नहीं: अतुल कुमार अनजान

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अतुल कुमार अनजान ने आरोप लगाया कि इस बजट में ग्रामीण भारत और आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई है. उन्होंने एक बयान में कहा कि एक तरफ ग्रामीण भारत और आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई तो दूसरी ओर कारपोरेट कर कम करके देश के संपन्न लोगों को को सहूलियत दी गई है. किसानों, युवाओं के लिए कुछ नहीं किया गया. सरकार देश की आर्थिक प्रगति की गाड़ी को पटरी पर लाने में विफल साबित हुई है.

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