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WHO समेत पूरी दुनिया ने माना पतंजलि के कोरोनिल का लोहा, जानिए लॉन्चिंग के मौके पर बाबा रामदेव ने क्या कहा…?

कोरोनिल की लॉन्चिंग के मौके पर बाबा रामदेव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि योग आयुर्वेद को रिसर्च बेस्ड ट्रीटमेंट के तौर पर चिकित्सा पद्धति के रूप में अपनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुझ पर पिछले तीन दशकों से कितने सवाल उठाए जा रहे हैं. तब मैंने कहा था कि बीमारियों को कंट्रोल नहीं आप खत्म कर सकते हैं. अब सारे सर्टिफिकेशन के साथ हमारे पास 250 से अधिक रिसर्च पेपर हैं. अकेले कोरोना पर 25 रिसर्च पेपर है और अब दुनिया में कोई भी सवाल नहीं उठा सकता.

  • बाबा रामदेव की पतंजलि की कोरोनिल टैबलेट से होगी कोविड-19 का इलाज

  • आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल टैबलेट को कोरोना की दवा के तौर पर दी मंजूरी

  • स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और विश्व गुरु बन रहा है भारत

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के इलाज के लिए 2020 में लॉकडाउन के दौरान ही बाबा रामदेव की पतंजलि की ओर से पेश कोरोनिल (CoPP-WHO GMP) का विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय समेत पूरी दुनिया ने मान लिया है. शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में पतंजलि की कोरोनिल को विधिवत लॉन्च किया गया.

इस मौके पर पतंजलि ने कहा कि कोरोनिल टैबलेट से अब कोविड-19 का इलाज होगा. आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल टैबलेट को कोरोना की दवा के तौर पर स्वीकार कर लिया है. पतंजलि का कहना है कि नई कोरोनिल दवा सर्टिफाइड है.

बीमारियों को कंट्रोल नहीं, कर सकते हैं खत्म

कोरोनिल की लॉन्चिंग के मौके पर बाबा रामदेव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि योग आयुर्वेद को रिसर्च बेस्ड ट्रीटमेंट के तौर पर चिकित्सा पद्धति के रूप में अपनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुझ पर पिछले तीन दशकों से कितने सवाल उठाए जा रहे हैं. तब मैंने कहा था कि बीमारियों को कंट्रोल नहीं आप खत्म कर सकते हैं. अब सारे सर्टिफिकेशन के साथ हमारे पास 250 से अधिक रिसर्च पेपर हैं. अकेले कोरोना पर 25 रिसर्च पेपर है और अब दुनिया में कोई भी सवाल नहीं उठा सकता.

लाखों लोगों को जीवनदान देने का काम किया तो उठे सवाल

बाबा रामदेव ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर और विश्व गुरु बन रहा है. योग और आयुर्वेद को हम वैज्ञानिक प्रामाणिकता के साथ स्थापित करने के प्रयास में जुटे हैं. पतंजलि ने अब तक सैकड़ों शोध पत्र प्रकाशित किए हैं. हमने योग क्रियाओं को वैज्ञानिक तथ्यों के साथ दुनिया के सामने रखा. उन्होंने कहा कि जब हमने कोरोनिल के जरिए लाखों लोगों को जीवनदान देने का काम किया, तो कई लोगों ने सवाल उठाए. कुछ लोगों का यह मानना है कि रिसर्च तो केवल विदेश में ही हो सकता है. खास तौर पर आयुर्वेद रिसर्च को लेकर कई तरह की आशंकाएं की जाती हैं. अब हमने शंका की सारी गुंजाइश को समाप्त कर दिया है. कोरोनिल से लेकर अलग-अलग बीमारी पर हमने रिसर्च किया है.

दुनिया के 154 देशों में निर्यात होगी कोरोनिल

लॉन्चिंग के मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि यह दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन से सर्टिफाइड है. इस दवा का नाम भी कोरोनिल टैबलेट ही है. पतंजलि का यह दावा है कि इस दवा से दुनिया के 158 देशों में कोरोना से निपटने में मदद मिली है. इस मौके पर पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कोरोनिल का इस्तेमाल लोग पहले से कर रहे थे, लेकिन अब औषधि नियंत्रक डीजीसीए के बाद हमें विश्व स्वास्थ्य संगठन से मंजूरी मिल गई है. ये 154 देशों के लिए मंजूरी मिली है. इसके बाद हम अब आधिकारिक रूप से कोरोनिल का निर्यात कर सके हैं. हमने वैज्ञानिक पद्धति से कोरोनिल पर रिसर्च किया है.

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Posted by : Vishwat Sen

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