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UPI प्लेटफॉर्म पर भारतीय नागरिकों की डेटा सुरक्षा को लेकर दाखिल हस्तक्षेप आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

Data security of Indian citizens, Supreme Court, Whatsapp Pay : नयी दिल्ली : यूपीआई प्लेटफॉर्म पर भारतीय डेटा सुरक्षा को लेकर सु्प्रीम कोर्ट में दाखिल हस्तक्षेप आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. वहीं, आरबीआई ने कहा है कि यूपीआई लेन-देन से जुड़े सदस्यों के ऑडिट की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. यह जवाबदेही नेशन पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की है.

नयी दिल्ली : यूपीआई प्लेटफॉर्म पर भारतीय डेटा सुरक्षा को लेकर सु्प्रीम कोर्ट में दाखिल हस्तक्षेप आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. वहीं, आरबीआई ने कहा है कि यूपीआई लेन-देन से जुड़े सदस्यों के ऑडिट की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. यह जवाबदेही नेशन पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की है.

हस्तक्षेप आवेदन में कहा गया है कि न्यायालय के समक्ष मामला लंबित होने के बावजूद व्हाट्सएप पे भारत में परिचालन शुरू करने को तैयार है. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायाधीश एएस बोपन्ना और न्यायाधीश वी रामसुब्रमणियम की पीठ ने सुनवाई के लिए अगली तिथि एक फरवरी तय कर दी.

मालूम हो कि राज्यसभा सदस्य विनय विस्वम की याचिका के जवाब में आरबीआई ने हलफनामा दायर करते हुए गुरुवार को जनहित याचिका खारिज करने का आग्रह किया था. हलफनामे में आरबीआई ने कहा है कि आंकड़ों की निजता या गोपनीयता और साझा करने से जुड़ा मामला केंद्र के क्षेत्राधिकार में है.

इंफोमेटिक्स एप्लीकेशन में कहा गया है कि मीडिया रिपोर्टों से आवेदक को पता चला कि व्हाट्सऐप पे भारत में आरबीआई और एनपीसीआई से अनुमति प्राप्त करने के बाद न्यायालय के समझ लंबित रहने और विनियामक अनुपालन के संबंध में न्यायालय को संतुष्ट किये बिना फुल-स्केल ऑपरेशन को तैयार है.

साथ ही इंफोमेटिक्स एप्लीकेशन में राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के मुद्दों के साथ डेटा निजता और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को उठाते हुए वर्तमान याचिका में हस्तक्षेप की प्रार्थना की गयी है.

याचिका में यह सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई और एनपीसीआई को निर्देश देने की मांग की गयी है कि यूपीआई लेन-देन से जुड़ी कंपनियां एकत्र किये गये भारतीय नागरिकों के डेटा का दुरुपयोग नहीं कर सकें.

मालूम हो कि व्हाट्सऐप, अमेजन, गूगल जैसी यूपीआई लेन-देन से जुड़ी कंपनियों को भुगतान करने की अनुमति देने पर डेटा विदेश चला जाता है. उन्होंने कहा कि आरबीआई को जवाब देना चाहिए कि भारतीय नागरिकों का डेटा बिना औपचारिक सुरक्षा के विदेश जाना कहां तक उचित है.

आरबीआई के बिना किसी नियम या दिशानिर्देश के विदेश से संचालित कंपनियों को भुगतान की अनुमति देना निजता के फैसले का उल्लंघन है. इस पर आरबीआई ने हलफनामा दायर कर कहा कि आंकड़ों की निजता या गोपनीयता और साझा करने से जुड़ा मामला केंद्र के क्षेत्राधिकार में है. जबकि, जवाबदेही नेशन पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की है.

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