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अनिल अंबानी की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें? आरकॉम मामले की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

RCom case: सुप्रीम कोर्ट रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और अनिल अंबानी से जुड़े कथित बैंकिंग व कॉरपोरेट धोखाधड़ी मामले की सुनवाई करेगा. पूर्व केंद्रीय सचिव ईएएस शर्मा द्वारा दायर याचिका में कंपनियों पर सार्वजनिक धन के दुरुपयोग, वित्तीय हेरफेर और संस्थागत मिलीभगत के आरोप लगाए गए हैं. याचिका में सीबीआई और ईडी की अब तक की जांच को अपर्याप्त बताते हुए अदालत की निगरानी में विस्तृत जांच की मांग की गई है. मामला राष्ट्रीय वित्तीय जवाबदेही के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

RCom case: सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम), उसके ग्रुप की कंपनियों और उनके प्रवर्तक अनिल अंबानी से जुड़े कथित बड़े बैंकिंग और कॉरपोरेट धोखाधड़ी पर सुनवाई करेगा. उसने मामले की अदालत की निगरानी में जांच की अपील वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को सहमति दे दी. वकील प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच के सामने याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम इसे सूचीबद्ध करेंगे.’’

पूर्व केंद्रीय सचिव ने दायर की है याचिका

पूर्व केंद्रीय सचिव ईएएस शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस एडीए समूह की कई कंपनियों ने सार्वजनिक धन का व्यवस्थित रूप से दुरुपयोग किया, वित्तीय विवरणों में हेरफेर किया और संस्थागत स्तर पर मिलीभगत की है. याचिका में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से 21 अगस्त 2025 को दर्ज की गई प्राथमिकी और संबंधित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्यवाही कथित धोखाधड़ी का केवल एक छोटा हिस्सा उजागर करती हैं.

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फॉरेंसिक ऑडिट के बावजूद जांच नहीं

याचिका में दावा किया गया है कि विस्तृत फॉरेंसिक ऑडिट के बावजूद कोई भी एजेंसी बैंक अधिकारियों, लेखा परीक्षकों या नियामकों की भूमिका की जांच नहीं कर रही है, जिसे याचिकाकर्ता गंभीर चूक कहते हैं. इसके अलावा, याचिका में कहा गया है कि व्यवस्थित धोखाधड़ी और धन के दुरुपयोग के निष्कर्षों को बंबई हाईकोर्ट के एक फैसले में न्यायिक रूप से मान्यता दी गई है.

भाषा भाषा इनपुट के साथ

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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