Supertech: रियल एस्टेट फर्म सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) ने शुक्रवार को दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके साथ ही सुपरटेक के प्रोजेक्ट में घर खरीदने वाले खरीदारों के माथे पर शिकन आ गई है. दरअसल, दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR News) में कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही इस कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी (NCLT) के इस कार्रवाई के बाद से 25 हजार से ज्यादा उन लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं, जिन्होंने सुपरटेक से घर खरीदा है और डिलीवरी का इंतजार कर रहे हैं.
सुपरटेक समूह की इस कंपनी के लिए पिछले एक साल में लगा यह दूसरा बड़ा झटका है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2021 को सुपरटेक लिमिटेड के दो 40 मंजिला टावरों को गिराने का आदेश दिया था. एनसीएलटी की एक पीठ ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुपरटेक लिमिटेड के निदेशक मंडल के स्थान पर एक अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त करने की मंजूरी दे दी. बैंक ने अपनी याचिका में कंपनी के दिवालिया होने का दावा किया था.
सुपरटेक लिमिटेड पर करीब 1,200 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. इसमें से करीब 510 करोड़ रुपये का कर्ज यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने दिया था. यह आदेश अभी मौखिक रूप से पारित किया गया है और इस संबंध में विस्तृत आदेश आने का इंतजार है. वहीं, सुपरटेक ग्रुप ने इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए एक बयान में कहा कि वह इस आदेश को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) के समक्ष चुनौती देगा.
कंपनी ने इस आदेश का समूह की अन्य कंपनियों के कामकाज पर कोई असर न पड़ने का भी दावा किया. सुपरटेक ग्रुप के प्रबंध निदेशक मोहित अरोड़ा ने कहा कि सुपरटेक लिमिटेड की करीब 11-12 आवासीय परियोजनाओं के खिलाफ कर्ज समाधान प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन इनमें से करीब 90 प्रतिशत परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं.