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SBI Cards ने आईपीओ खुलने से पहले एंकर इन्वेस्टर्स से जुटाये 2,769 करोड़ रुपये

SBI Cards का आईपीओ आगामी दो मार्च को खुलेगा और यह पांच मार्च तक खुला रहेगा, लेकिन इसके खुलने से पहले ही कंपनी ने एंकर इन्वेस्टर्स से 2,769 करोड़ रुपये जुटा लिये. हालांकि, कंपनी ने इस आईपीओ के जरिये बाजार से करीब 9,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

नयी दिल्ली : एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज के आईपीओ का निवेशकों को बेसब्री से इंतजार है. यह आईपीओ आगामी 2 से 5 पांच तक खुला रहेगा, लेकिन इस आईपीओ के खुलने से पहले ही इसने 74 एंकर निवेशकों से 2,769 करोड़ रुपये जुटा लिये हैं. कंपनी ने बीएसई को बताया कि सिंगापुर सरकार, मनीटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल और बिड़ला म्यूचुअल फंड इन एंकर निवेशकों में शामिल हैं. इन्हें आईपीओ की कीमत के दायरे की ऊपरी सीमा 755 रुपये प्रति शेयर की दर से पेशकश की गयी.

कंपनी ने बताया कि इन 74 एंकर निवेशकों में 12 म्यूचुअल फंड शामिल हैं और इन्हें कुल 3,66,69,589 शेयर आवंटित किये गये. इन शेयरों का कुल मूल्य 2,768.55 करोड़ रुपये है. एंकर निवेशक ऐसे संस्थागत निवेशक होते हैं, जिन्हें प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के खुलने से पहले ही उसमें हिस्सेदारी की पेशकश कर दी जाती है.

कंपनी का आईपीओ दो मार्च को खुलेगा और पांच मार्च तक खुला रहेगा. इसके लिए कीमत दायरा 750 से 755 रुपये प्रति शेयर रखा गया है. एसबीआई कार्ड्स को आईपीओ से नौ हजार करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद है. एसबीआई कार्ड्स में भारतीय स्टेट बैंक की 76 फीसदी हिस्सेदारी है. शेष हिस्सेदारी कार्लाइल ग्रुप के पास है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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