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विकिपीडिया ने लगाया आरोप, कहा – ‘साक पपिट’ ने अदाणी के बारे में अतिशयोक्ति भरी और झूठी बातें लिखीं

अदाणी की कुल संपत्ति आधार में एक महीने से भी कम समय में 70 अरब डॉलर की कमी आई है और वह दुनिया के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति से फिसलकर 25वें स्थान पर आ गए हैं. ऐसा अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद हुआ, जिसमें उसने समूह पर खातों में हेराफेरी, शेयर की कीमतों को बढ़ाने का आरोप लगाए थे.

नई दिल्ली : मुक्त इंटरनेट पर आधारित विश्वकोष विकिपीडिया ने आरोप लगाया है कि एक दशक से अधिक समय से ‘साक पपिट’ ने दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी, उनके परिवार और कारोबार के बारे में अतिशयोक्ति भरी और झूठी बातें लिखी हैं. ‘साक पपिट’ इंटरनेट पर सक्रिय ऐसे फर्जी खातों को कहते हैं, जो ब्लॉग, फोरम, विकिपीडिया और फेसबुक तथा ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किंग मंच का इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति या मुद्दे के पक्ष में जनमत तैयार करते हैं. विकिपीडिया ने कहा कि इन ‘साक पपिट’ में कुछ कंपनी के कर्मचारी भी हैं और इन्होंने गैर-तटस्थ सामग्री जोड़ने तथा सूचना पर विकिपीडिया की चेतावनियों को हटाने का काम किया.

अदाणी की कुल संपत्ति में 70 अरब डॉलर की कमी

गौरतलब है कि अदाणी की कुल संपत्ति आधार में एक महीने से भी कम समय में 70 अरब डॉलर की कमी आई है और वह दुनिया के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति से फिसलकर 25वें स्थान पर आ गए हैं. ऐसा अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद हुआ, जिसमें उसने समूह पर खातों में हेराफेरी, शेयर की कीमतों को बढ़ाने तथा धन शोधन जैसे आरोप लगाए थे. अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों से इनकार किया है और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है.

साक पपिट ने लिखे नौ लेख

विकिपीडिया ने 20 फरवरी की ‘भ्रामक सूचना रिपोर्ट’ में इस बात का उल्लेख किया है. ‘क्या उन्होंने (अदाणी) और उनके कर्मचारियों ने विकिपीडिया लेखों से संबंधित गैर-तटस्थ पीआर संस्करणों के जरिये विकिपीडिया के पाठकों को धोखा देने की कोशिश की?’ इस सवाल के जवाब में रिपोर्ट में कहा गया कि उन्होंने निश्चित रूप से ऐसा किया. रिपोर्ट के मुताबिक, 40 से अधिक ‘साक पपिट’या अघोषित रूप से भुगतान पाने वाले संपादकों ने अदाणी परिवार और पारिवारिक व्यवसायों पर नौ लेख लिखे या संशोधित किए. इनमें से कई ने कई लेखों को संपादित किया और गैर-तटस्थ सामग्री को जोड़ा. विकिपीडिया ने कहा कि इन ‘साक पपिट’ को बाद में प्रतिबंधित या ब्लॉक कर दिया गया.

अदाणी ग्रुप के शेयरों में गिरावट जारी

बता दें कि अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीती 24 जनवरी को एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अदाणी ग्रुप पर दशकों से शेयरों में हेराफेरी और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. हालांकि, रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद अदाणी ग्रुप की ओर से करीब 413 पन्नों में जवाब भी भेजा गया था. रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद से अब तक अदाणी ग्रुप के फर्मों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला जारी है. ब्लूमबर्ग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अदाणी ग्रुप के फर्मों के बाजार वैल्यू गिरकर करीब 100 बिलियन डॉलर पर रह गया है.

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भाषा इनपुट

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