Rupees vs Dollar: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को भारतीय रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरते हुए 11 पैसे की मजबूती के साथ 88.66 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. विदेशों में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट ने रुपये को सपोर्ट दिया. इससे पहले, रुपया 88.55 पर खुला और दिनभर के कारोबार में 88.28 के उच्चतम स्तर तथा 88.67 के निचले स्तर के बीच उतार-चढ़ाव करता रहा.
डॉलर की मजबूती और विदेशी कोषों की निकासी का असर
विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, डॉलर की मजबूती, विदेशी कोषों की निकासी और कमजोर घरेलू शेयर बाजार ने रुपये में बड़ी बढ़त को सीमित कर दिया. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में यह सुधार अस्थायी माना जा रहा है, क्योंकि विदेशी निवेशकों का रुख अभी भी सतर्क बना हुआ है. डॉलर सूचकांक, जो छह प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को दर्शाता है, 0.09% बढ़कर 99.80 पर पहुंच गया है.
तेल बाजार में मंदी का असर
वैश्विक बाजारों में ब्रेंट क्रूड की कीमत 1.37% गिरकर 64 डॉलर प्रति बैरल रह गई. तेल कीमतों में यह गिरावट भारत के लिए राहत लेकर आई है, क्योंकि देश अपनी ऊर्जा जरूरतों का अधिकांश हिस्सा आयात पर निर्भर करता है. तेल सस्ता होने से आयात बिल घटता है और रुपये पर दबाव कम होता है, जिससे विनिमय दर में सुधार देखने को मिला.
शेयर बाजार में भारी गिरावट
घरेलू शेयर बाजारों में मंगलवार को बिकवाली का माहौल रहा. सेंसेक्स 519.34 अंक गिरकर 83,459.15 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 165.70 अंक फिसलकर 25,597.65 पर आ गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार बिकवाली कर रहे हैं. सोमवार को उन्होंने 1,883.78 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की, जिससे रुपये की मजबूती सीमित रही.
रिकॉर्ड निचले स्तर से धीरे-धीरे उबरा रुपया
14 अक्टूबर को रुपया डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर 88.81 पर बंद हुआ था. हालांकि उसके बाद से इसमें हल्का सुधार देखने को मिला है. सोमवार को यह 88.77 पर बंद हुआ था, जो रिकॉर्ड स्तर के बेहद करीब था. मंगलवार की हल्की मजबूती ने निवेशकों को राहत दी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में डॉलर की दिशा और तेल बाजार की स्थिति रुपये के प्रदर्शन को तय करेगी.
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बाजार बंद रहेगा बुधवार को
बुधवार को ‘गुरु नानक जयंती’ के अवसर पर विदेशी मुद्रा बाजार बंद रहेंगे. विश्लेषकों का कहना है कि त्योहारी सप्ताह के बाद निवेशकों का रुख और वैश्विक संकेत रुपये की अगली चाल को प्रभावित करेंगे.
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