23.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

RBI Repo Rate: रिजर्व बैंक ने सातवीं बार रेपो रेट 6.5% पर रखा बरकरार, जानें आपके लोन के ईएमआई पर क्या पड़ेगा प्रभाव

RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा हर दूसरे महीने ब्याज दरों की समीक्षा की जाती है. इस बार बैठक की शुरुआत तीन अप्रैल को हुई थी. बैठक में लिये फैसलों की जानकारी आज गवर्नर शक्तिकांत दास के द्वारा दी गयी. इससे पहले फरवरी 2023 में रेपो रेट में 0.25 अंकों की बढ़ोत्तरी की गयी थी.

RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा द्विमासिक समीक्षा के तहत मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के आखिरी दिन रेपो रेट को लेकर अहम घोषणा की गयी है. बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि शीर्ष बैंक ने फिर से रेपो रेट को बरकरार रखा है. ये सातवीं बार है जब बैंक ने रेट को बरकरार रखा है. नतीजतन, स्थायी जमा सुविधा दर 6.25% और सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर 6.75 पर बनी हुई है. बैठक की शुरुआत तीन अप्रैल को हुई थी. छह सदस्य वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास, राजीव रंजन, माइकल देबब्रत पात्रा के साथ शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य के रुप में शामिल हैं.

जीडीपी को लेकर लगाया ये अनुमान

केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के सात प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है. वहीं, खुदरा मुद्रास्फीति के 2024-25 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बुधवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि एमपीसी ने मौजूदा स्थिति पर गौर करते हुए नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि इसके साथ एमपीसी सदस्यों ने लक्ष्य के अनुरूप खुदरा महंगाई को लाने के लिए उदार रुख को वापस लेने के अपने निर्णय को भी कायम रखने का फैसला किया है. आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है.

फरवरी 2023 में बदला था रेपो रेट

रिजर्व बैंक ने फरवरी 2023 में आखिरी बार रेट में बदलाव किया था. तब बैंक ने ब्याज दरों को 0.25% बढ़ाकर 6.5% कर दिया था. उससे पहले साल 2022 में रिजर्व बैंक ने छह बार में 2.50 प्रतिशत तक रेपो रेट में वृद्धि की गयी थी. हालांकि, इस बार बैंक के फैसले से आमलोगों को बड़ी राहत मिली है. उनके लोन की ईएमआई में कोई वृद्धि नहीं होने वाली है.

Also Read: रिजर्व बैंक के ब्याज दरों की घोषणा से पहले सुस्त पड़ा बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी गिरे

क्या है रेपो रेट

रेपो रेट (Repo Rate) एक आर्थिक शब्द है जो वित्तीय बाजार में उपयोग होता है. यह शब्द भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अन्य भारतीय बैंकों द्वारा व्यापार बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से उधार लेने के लिए आवश्यक रिपोर्टेबल संलग्नक (Collateral) के विरुद्ध उचित ब्याज दर का नाम है. RBI रेपो रेट को बदलते हैं ताकि वित्तीय बाजार में रुपये की उपलब्धता और उधार लेने की दर पर प्रभाव पड़े. अगर रेपो रेट बढ़ाई जाती है तो वित्तीय संस्थानों को RBI को ज्यादा ब्याज देने की जरूरत होती है, जिससे वित्तीय संस्थानों को उधार लेने में अधिक खर्च होता है और उसे अपने ग्राहकों को भी उधार देने में अधिक खर्च होता है. इससे ऋण लेने में कठिनाई होती है और दर द्वारा उधार लेने की संभावना कम हो जाती है. वहीं, अगर रेपो रेट को घटाया जाता है तो वित्तीय संस्थानों को RBI को कम ब्याज देने की जरूरत होती है, जिससे उधार लेने की दर कम होती है और उधार लेने के लिए अधिक आकर्षक होता है. इससे ऋण लेने में आसानी होती है और वित्तीय संस्थान ग्राहकों को भी उधार देने के लिए उपलब्ध होता है. इसलिए, रेपो रेट बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसके बदलने से बाजार के ब्याज दरों और ऋण उपलब्धता पर प्रभाव पड़ता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें