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आरबीआई गवर्नर ने महंगाई को लेकर कह दी बड़ी बात, आधा काम अभी बाकी

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने छह से आठ जून को आयोजित द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में कहा कि हमारा काम अभी आधा ही हुआ है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि महंगाई की लक्ष्य सीमा को चार से छह फीसदी के दायरे में लाया गया है.

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि भारत में महंगाई के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. महंगाई के स्तर को आरामदायक सीमा पर वापस लाने का काम अभी आधा बाकी है. उन्होंने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ जंग अभी जारी रखनी होगी. यह काम इस प्रकार से करना होगा कि महंगाई के आंकड़े चार फीसदी के आसपास बने रहें. फिलहाल, भारत में खुदरा महंगाई दर निर्धारित लक्ष्य चार फीसदी से अधिक है.

महंगाई कम करने पर आधा काम अभी बाकी

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने छह से आठ जून को आयोजित द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में कहा कि हमारा काम अभी आधा ही हुआ है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि महंगाई की लक्ष्य सीमा को चार से छह फीसदी के दायरे में लाया गया है. उन्होंने कहा कि महंगाई के खिलाफ हमारी जंग अभी जारी है. बता दें कि छह से आठ जून के बीच हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक के मिनट्स गुरुवार को प्रकाशित किए गए.

रेपो रेट में लगातार दूसरी बार बदलाव नहीं

छह से आठ जून को हुई आरबीआई मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लगातार दूसरी बार नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया गया. रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर आरबीआई देश के बैंकों को कर्ज देता है.

रेपो रेट में क्यों नहीं किया गया बदलाव

महंगाई में लगातार हो रही गिरावट (फिलहाल 18 महीने के निचले स्तर पर) और आने वाले दिनों में इसके कम होने की संभावना ने केंद्रीय बैंक को प्रमुख ब्याज दर पर फिर से विराम लगाने के लिए प्रेरित किया है. अप्रैल के दौरान रेपो रेट पर लगे विराम को छोड़कर आरबीआई ने महंगाई के खिलाफ लड़ाई में मई 2022 से लेकर रेपो रेट में 250 आधार अंक बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया है. उन्होंने कहा कि व्याप्त अनिश्चितताओं के मद्देनजर आने वाले दिनों में रेपो रेट में कटौती के बारे में किसी प्रकार की भविष्यवाणी करना कठिन है.

वैश्विक अर्थव्यवस्था में कम हो रही अनिश्चितता

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था ने विकास की गति को बरकरार रखा है और समग्र अनिश्चितता कुछ हद तक कम हो रही है. इसके बावजूद, वैश्विक विकास परिदृश्य में प्रतिकूल परिस्थितियां बनी हुई हैं. यूक्रेन-रूस के बीच भू-राजनीतिक संघर्ष बदस्तूर जारी है. सभी देशों में सकल मुद्रास्फीति गिरावट की अग्रसर है, लेकिन यह अब भी उच्च स्तर पर बनी हुई है और निर्धारित लक्ष्यों से काफी ऊपर है.

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भारत में कम हुई है महंगाई

उन्होंने कहा कि भारत में महंगाई कम हुई है और बाहरी क्षेत्र के परिदृश्य में सुधार हुआ है, जबकि बैंकों और कॉरपोरेट्स की बैलेंस शीट लचीली और स्वस्थ दिख रही है. भारत की खुदरा महंगाई लगातार तीन तिमाहियों तक आरबीआई के छह फीसदी के लक्ष्य से ऊपर थी और नवंबर, 2022 में ही आरबीआई महंगाई में कमी लाने में कामयाबी हासिल कर ली थी.

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