पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगातार 8वें दिन वृद्धि
नितिन गडकरी ने कहा, यह समय है वैकल्पिक ईंधन की ओर जाने का
राजस्थान में पेट्रोल और डीजल की सबसे अधिक कीमतें
देश में इस महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है. सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे रसोई का जायका बिगड़ गया है. वहीं रसोई गैस की कीमत में बढ़तरी ने आग में घी का काम किया है. इधर पेट्रोल और डीजल की कीमत में लगातार आठवें बढ़ोतरी हुई, जिससे आम लोगों को जोरदार झटका लगा है. पेट्रोल की कीमत में 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 35 पैसे की बढ़ोतरी की गई है.
इधर देश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल डीजल की कीमतों पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा, अब समय आ गया है वैकल्पिक ईंधन के उपयोग का. उन्होंने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, मेरा सुझाव यह है कि यह समय देश को वैकल्पिक ईंधन की ओर जाने का समय है. मैं पहले से ही बिजली को ईंधन के रूप में प्रचारित कर रहा हूं, क्योंकि भारत में सरप्लस बिजली है.
मालूम हो इससे पहले तेल कंपनियों ने रसोई गैस (एलपीजी) की कीमत में 50 रुपये प्रति सिलेंडर और जेट ईंधन (एटीएफ) में 3.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी.
राष्ट्रीय राजधानी में अब एलपीजी की कीमत 769 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर हो गई है. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की वजह से खुदरा कीमतें बढ़ी हैं. इसका कारण स्थानीय बिक्री कर या मूल्यवर्धित कर (वैट) और माल भाड़ा अलग अलग राज्यों में भिन्न भिन्न होना है.
दिल्ली में अब पेट्रोल 89.29 रुपये प्रति लीटर और डीजल 79.70 रुपये में मिलेगा. उच्च वैट लगाने वाले राज्यों में इन ईंधनों की दरें अधिक हैं. मुंबई में, पेट्रोल की कीमत बढ़कर 95.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 86.72 रुपये लीटर हो गई. देश में ईंधन पर सबसे अधिक वैट वसूलने वाले राज्य, राजस्थान में पेट्रोल और डीजल की सबसे अधिक कीमतें हैं.
इधर कीमतों में लगातार बढ़ोतरी की कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने आलोचना की है, जिसने आम आदमी पर बोझ कम करने के लिए करों में तत्काल कटौती किये जाने की मांग की है. तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले सप्ताह संसद को बताया था कि सरकार उत्पाद शुल्क में कमी करने के बारे में विचार नहीं कर रही है ताकि रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंची कीमतों को कम किया जा सके. केंद्रीय और राज्य कर, खुदरा बिक्री मूल्य, पेट्रोल के लिए 60 प्रतिशत और डीजल के लिए 54 प्रतिशत हिस्सा बनते हैं. केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क पर 32.90 रुपये और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर वसूलती है.
Posted By - Arbind kumar mishra