World Bank: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बाद पाकिस्तान को अब विश्व बैंक से भी करीब 20 बिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता मिलने वाला है. विश्व बैंक की ओर से यह राशि जून में मिलने की उम्मीद जाहिर की जा रही है. हालांकि, पहलगाम आतंकी हमले के बाद ही भारत ने आईएमएफ से मिलने वाले पैसे का विरोध किया था और आईएमएफ से उसकी समीक्षा करने की अपील की थी. अब जब विश्व बैंक की ओर से पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देने की बात कही जा रही है, तो भारत इसका भी पुरजोर विरोध करेगा.
विदेशी पैसों से गोला-बारूद खरीदता है पाकिस्तान
भारत ने पाकिस्तान को आईएमएफ से मिलने वाले पैसों का यह कहते हुए विरोध किया था कि इस्लामाबाद ने पहले भी इन पैसों का इस्तेमाल हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए किया था. सूत्र ने कहा कि विकासशील देशों को बहुपक्षीय एजेंसियों की ओर से पैसा गरीबी उन्मूलन और विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए दिया जाता है, लेकिन पाकिस्तान इसका दुरुपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए कर रहा है.
स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के नाम पर पाकिस्तान को पैसा
पाकिस्तान के भागीदारी ढांचे के तहत विश्व बैंक पाकिस्तान को दिए जाने वाले 20 अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज की समीक्षा अगले महीने कर सकता है. इस पर जनवरी में सहमति बनी थी. नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को 10 वर्षों की अवधि के लिए स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए यह रकम दी जानी है. सूत्र ने कहा, ”हम पाकिस्तान को दी जाने वाली विश्व बैंक की रकम का विरोध करेंगे.”
भारत ने आईएमएफ के पैसों का भी किया था विरोध
भारत ने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान को आईएमएफ की ओर से 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता देने का विरोध किया था. इस वित्त पोषण को रोका नहीं जा सका, क्योंकि एजेंडा पहले ही सभी सदस्यों को दिया जा चुका था. हालांकि, भारत के प्रयासों के कारण आईएमएफ ने पाकिस्तान पर 11 सख्त शर्तें लगाईं.
युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान को पैसा?
सूत्र ने कहा, ”विकास के लिए किसी भी देश को धन मिले, भारत इसके खिलाफ नहीं है. लेकिन आईएमएफ से ऐसे वक्त में धन मिलना सही नहीं था, जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव था और युद्ध की स्थिति थी. साथ ही, पाकिस्तान का इतिहास लोगों के लिए नहीं, बल्कि हथियार खरीदने के लिए खर्च करने का रहा है.”
बजट का 18% रक्षा पर खर्च करता है पाकिस्तान
सार्वजनिक आंकड़ों को देखा जाए, तो पाकिस्तान अपने आम बजट का औसतन लगभग 18% ‘रक्षा मामलों और सेवाओं’ पर खर्च करता है, जबकि संघर्ष-प्रभावित देश भी औसतन इससे कहीं कम (अपने आम बजट का 10-14%) खर्च करते हैं.’’
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आईएमएफ के पैसों से पाकिस्तान में बढ़ा हथियारों का आयात
इतना ही नहीं, 1980 से 2023 तक पाकिस्तान के हथियारों के आयात में नाटकीय रूप से औसतन 20% से अधिक की वृद्धि हुई है. हथियारों के आयात में वृद्धि उन वर्षों में हुई, जब उसे आईएमएफ से पैसा मिला है.
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