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अब आप आधार में बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड को परमानेंटली कर सकेंगे लॉक, ताकि बिना आपकी इजाजत के उसमें कोई नहीं लगा पाएगा सेंध

यूआईडीएआई ने आधार (ऑथेंटिकेशन) रेग्यूलेशन-2016 के स्थान पर आधार (ऑथेंटिकेशन एंड ऑफलाइन वेरिफिकेशन) रेग्यूलेशन-2021 का मसौदा तैयार किया है. इस मसौदे के बाद में यूआईडीएआई ने कहा कि आधार नंबर धारकों के लिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि वे बायोमेट्रिक्स को स्थायी तौर पर लॉक कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उसे अस्थायी तौर पर अनलॉक भी कर सकेंगे.

Aadhaar latest news : अब आपके आधार में दर्ज डेटा को चुराकर या फिर उसके साथ छेड़छाड़ करके कोई भी व्यक्ति आपको अपनी ठगी का शिकार नहीं बना पाएगा. प्रशासनिक तौर पर आधार से संबंधित देखरेख करने वाली एजेंसी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने पुख्ता इंतजाम करने के लिए एक ऐसा प्रस्ताव दिया है, जिसके बाद बिना आपकी इजाजत के आपके आधार के डेटा को कोई छू भी नहीं सकेगा. यूआईडीएआई ने लोगों को अपने बायोमेट्रिक्स को परमानेंटली लॉक करने, ऑफलाइन आधार संख्या सत्यापन के लिए एक तंत्र शुरू करने और आधार नंबर कैप्चर सर्विस टोकन या एएनसीएस टोकन प्रणाली के इस्तेमाल करने की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया है.

नियमों में बदलाव करेगा यूआईडीएआई

दरअसल, यूआईडीएआई ने आधार (ऑथेंटिकेशन) रेग्यूलेशन-2016 के स्थान पर आधार (ऑथेंटिकेशन एंड ऑफलाइन वेरिफिकेशन) रेग्यूलेशन-2021 का मसौदा तैयार किया है. इस मसौदे के बाद में यूआईडीएआई ने कहा कि आधार नंबर धारकों के लिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि वे बायोमेट्रिक्स को स्थायी तौर पर लॉक कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उसे अस्थायी तौर पर अनलॉक भी कर सकेंगे.

बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड में सेंध लगाना आसान नहीं

एजेंसी ने कहा कि इस प्रक्रिया का इस्तेमाल करने वाले आधार नंबर धारक के बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड में कोई सेंध लगाना चाहेगा, तो बिना सही कोड के उसे ‘ना’ में उत्तर मिलेगा और फिर वह ऐसा नहीं कर पाएगा. इसके साथ ही, आधार लॉक होने की स्थिति में यूआईडीएआई संबंधित व्यक्ति को वर्चुअल आईडी या अन्य माध्यमों के जरिए प्रमाणित करने की अनुमति देगा. बता दें कि रेग्यूलेशन में बदलाव के प्रस्ताव पर सुझाव के लिए यूआईडीएआई ने बीती 20 मई को प्रस्तावित मसौदे को सार्वजनिक किया था.

क्या है एएनसीएस टोकन

दरअसल, एएनसीएस के बारे में यह कहा गया है कि ट्रांजेक्शन ऑथेंटिकेश को पूरा करने के लिए प्राधिकरण द्वारा आधार नंबर के जरिए इनक्रिप्टेड आधार नंबर जेनरेट किया गया है. एएनसीएस टोकन निर्धारित समय के लिए ही वैध होगा. हालांकि, इसके बारे में स्पष्ट तरीके से कुछ नहीं कहा जा रहा है कि यूआईडीएआई के ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्म के तहत एएनसीएस कैसे काम करेगा.


क्या है आधार का ऑफलाइन वेरिफिकेशन

आधार का ऑफलाइन वेरिफिकेशन यूआईडीएआई के नए रेग्यूलेशन का शीर्षक है. यूआईडीएआई के मसौदे के अनुसार, ऑफलाइन वेरिफिकेशन प्राधिकरण के द्वारा निर्देशित ऑफलाइन तरीकों के माध्यम से बिना किसी वेरिफिकेशन के आधार नंबर धारकों की पहचान को सत्यापित करने की एक प्रक्रिया है, जिसमें क्यूआर कोड वेरिफिकेशन, आधार पेपलेस ऑफलाइन ई-केवाईसी वेरिफिकेशन, ई-आधार वेरिफिकेशन, ऑफलाइन पेपर आधारित वेरिफिकेशन और समय-समय पर यूआईडीएआई की ओर से ऑफलाइन वेरिफिकेशन के लिए पेश की जाने वाली प्रक्रिया शामिल है.

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Posted by : Vishwat Sen

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