यदि आप नौकरीपेशा लोगों की श्रेणी में आते हैं तो आगे की खबर आपके काम की है. जी हां…अगले महीने अक्टूबर से बड़ा बदलाव होने जा रहा है जिसे जानना आपके लिए बहुत जरूरी है. केंद्र की मोदी सरकार (Modi govt) एक अक्टूबर से श्रम कानून के नियमों (New Wage Code) में बदलाव करने का मन बना रही है. यदि यह नियम लागू हो जाता है तो एक अक्टूबर से आपको अपने ऑफिस में ज्यादा वक्त देना होगा. नए श्रम कानून की बात करें तो इसमें 12 घंटे काम करने की बात कही गई है. यही नहीं आपकी इन हैंड सैलरी पर भी इस कानून का असर पड़ता नजर आएगा. यहा आइए आपको बताते हैं कि नया लेबर कोड आपको कैसे प्रभावित कर सकता है.
अक्टूबर की पहली तारीख से सैलरी पर पड़ेगा असर : यदि आपको याद हो तो सरकार नये लेबर कोड में नियमों को 1 अप्रैल, 2021 से ही लागू करना चाहती थी, लेकिन राज्यों की तैयारी नहीं थी, साथ ही कंपनियों को एचआर पॉलिसी (HR Policy) बदलने के लिए ज्यादा समय देने के कारण इसे टालने का काम किया गया. लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) की मानें तो सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 जुलाई से नोटिफाई करना चाहती थी लेकिन राज्यों ने इन नियमों को लागू करने के लिए और वक्त की डिमांड की. इसके बाद 1 अक्टूबर तक के लिए इसे टाल दिया गया. अब खबरें हैं कि लेबर मिनिस्ट्री और मोदी सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 अक्टूबर तक नोटिफाई करने का मन बना रही है.
ये भी जानें : यहां चर्चा कर दें कि संसद ने अगस्त 2019 को तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया था. ये नियम सितंबर 2020 को पास हो चुके हैं.
काम करने का वक्त बढ़ेगा : नए ड्राफ्ट कानून की बात करें तो इसमें कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया गया है. हालांकि, लेबर यूनियन इसके पक्ष में नहीं हैं और वो इसके विरोध में खड़ी है. कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिना जाएगा और इसे ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है. मौजूदा नियम पर नजर डालें तो 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है.
आधे घंटे का रेस्ट : ड्राफ्ट नियमों पर नजर डालें तो किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को नहीं कहा गया है. कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का रेस्ट देना जरूरी होगा.
PF बढ़ जाएगा : नए ड्राफ्ट नियम के मुताबिक, मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए. इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन स्ट्रक्चर में बदलाव नजर आयेगा. बेसिक सैलरी बढ़ने से PF और ग्रेच्युटी के लिए कटने वाला पैसा बढ़ता नजर आएगा. आपको बता दें कि इसमें जानें वाला पैसा बेसिक सैलरी के अनुपात में होता है. यदि ऐसा होता है तो आपको मिलने वाली सैलरी घटेगी. जबकि रिटायरमेंट पर मिलने वाला PF और ग्रेच्युटी का पैसा बढ़ जाएगा.
Posted By : Amitabh Kumar
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