NBFCs Growth: भारत में नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां यानी NBFCs आज देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा बन चुकी हैं. रिपोर्ट के अनुसार इन कंपनियों का AUM यानी Assets Under Management इस साल और अगले साल 18-19% तक बढ़ने की उम्मीद है. अगर यह रफ्तार जारी रही, तो NBFC सेक्टर बहुत जल्द 50 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर जाएगा.
खर्चा बढ़ा तब भी NBFCs की ग्रोथ क्यों बढ़ रही है?
देश में लोगों की खरीदारी की चाहत यानी consumption demand लगातार बढ़ रही है. साथ ही GST में कमी और महंगाई थोड़ी काबू में रहने से लोगों के लिए वाहन और घर खरीदना आसान हुआ है. इसी कारण NBFCs की सबसे बड़ी दो कटेगरीज एक वीइकल फाइनैन्स और दूसरा होम लोन में स्थिर ग्रोथ देखने को मिल रही है. हालांकि इन दोनों ही सेगमेंट में बैंकों से कड़ी प्रतिस्पर्धा भी मौजूद है.
कहां हो रही है ज्यादा रिस्क?
युवाओं में पर्सनल लोन्स लेने का चलन तेजी से बढ़ा है. लेकिन अनसिक्योर्ड लोन में चूक (default) बढ़ने पर NBFCs ने अब ज्यादा सावधानी बरतनी शुरू की है. MSME बिजनेस लोन में भी डिफॉल्ट के मामले बढ़े हैं, जिससे आने वाले समय में इस सेगमेंट की ग्रोथ थोड़ी धीमी रह सकती है.
किस सेक्टर में है तेज रफ्तार?
Gold Loan अब तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि लोग अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर से हटकर NBFCs पर ज्यादा भरोसा दिखा रहे हैं. वहीं Loan Against Property यानी सिक्योर्ड MSME सेक्टर में भी मजबूत ग्रोथ जारी रहने की संभावना है.
क्या फंडिंग मिलने पर उड़ान और ऊंची होगी?
NBFCs के लिए बैंक से मिलने वाला फंड बहुत महत्वपूर्ण है. अभी भी कई कंपनियों को बैंकों से फंडिंग में मुश्किल हो रही है, इसलिए इस स्थिति में सुधार होने पर NBFCs की ग्रोथ और तेज हो सकती है.
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