36.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

मूडीज का दावा- ’20 लाख करोड़ की आर्थिक पैकेज से भी नहीं हल होगी सभी समस्याएं’

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा घोषित 20 लाख रुपये की राहत पैकेज से कोरोना के कारण बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था पर फर्क नहीं पड़ेगा. एजेंसी ने कहा है कि गैर वित्तीय बैंकों को जो सहायता सरकार ने दी है, उससे बैंकों को कोई बड़ा लाभ नहीं होगा. हालांकि एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि इस घोषणा से वित्तीय संस्थानों के परिसंपत्ति में जोखिम कम होंगे.

नयी दिल्ली : रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा घोषित 20 लाख रुपये की राहत पैकेज से कोरोना के कारण बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था पर फर्क नहीं पड़ेगा. एजेंसी ने कहा है कि गैर वित्तीय बैंकों को जो सहायता सरकार ने दी है, उससे बैंकों को कोई बड़ा लाभ नहीं होगा. हालांकि एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि इस घोषणा से वित्तीय संस्थानों के परिसंपत्ति में जोखिम कम होंगे.

Also Read: पेंशन और बीमा की नयी स्कीम होगी शुरू ? जानिए मोदी सरकार की क्या है तैयारी

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को कहा कि सरकार द्वारा हाल में घोषित 20 लाख रुपये के आर्थिक पैकेज से वित्तीय संस्थानों के लिए परिसंपत्तियों के जोखिम में कमी आएगी, लेकिन इससे कोविड-19 का नकारात्मक असर पूरी तरह खत्म नहीं होगा.

Also Read: Huawei पर नये प्रतिबंध से अमेरिका और चीन में बढ़ सकती है तनातनी, दुनिया भर में टेक इंडस्ट्री पर खतरे के आसार

सरकार ने पिछले सप्ताह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए 3.70 लाख करोड़ रुपये के सहायता पैकेज की घोषणा की थी. इसके अलावा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए 75,000 करोड़ रुपये और बिजली वितरण कंपनियों के लिए 90,000 करोड़ रुपये के समर्थन पैकेज की घोषणा की गई.

मूडीज ने ‘वित्तीय संस्थान- भारत: वित्तीय प्रणाली को राहत मुहैया कराने के लिए सहायता उपाये, लेकिन नहीं हल होंगी सभी समस्याएं’ शीर्षक वाली अपनी टिप्पणी में कहा, ‘इन उपायों से वित्तीय क्षेत्र के लिए परिसंपत्तियों के जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी, लेकिन वे कोरोना वायरस महांमारी के नकारात्मक प्रभावों को पूरी तरह दूर नहीं कर पाएंगे.’

एमएसएमई पैकेज के बारे में रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप से पहले ही यह क्षेत्र तनाव में था और आर्थिक विकास में मंदी गहराने के साथ ही नकदी की चिंताएं बढ़ जाएंगी. वहीं एनबीएफसी के उपायों के संबंध में टिप्पणी में कहा गया कि यह मदद इन कंपनियों की तात्कालिक तरलता आवश्यकताओं की तुलना में बहुत कम है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें