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बाजार को रास नहीं आया गौतम अडाणी का यूटर्न, अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज

अडाणी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को एक बयान में कहा था कि असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर कंपनी के निदेशक मंडल ने फैसला किया है कि एफपीओ पर आगे बढ़ना नैतिक रूप से ठीक नहीं होगा. निवेशकों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है.

नई दिल्ली : अमेरिकी वित्तीय शोध संस्थान हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद मचे हंगामे के बीच घरेलू शेयर बाजार को गौतम अडाणी द्वारा अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ (अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम) पर यूटर्न लेना रास नहीं आया. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 15 फीसदी टूट गया. इसके एक दिन पहले, बुधवार को कंपनी ने अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की थी. हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था.

लगातार छठे दिन टूटे अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, बीएसई (बंबई स्टॉक एक्सचेंज) पर अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 15 फीसदी टूटकर 1,809.40 रुपये पर आ गया. इसके अलावा, अडाणी समूह की अन्य कंपनियों का प्रदर्शन भी लगातार छठे दिन कमजोर रहा. रिपोर्ट के अनुसार, अडाणी पोर्ट्स के शेयर में 14 फीसदी की गिरावट आई. इसके साथ ही, अडाणी ट्रांसमिशन में 10 फीसदी, अडाणी ग्रीन एनर्जी में 10 फीसदी, अडाणी टोटल गैस में 10 फीसदी, अडाणी विल्मर में 5 फीसदी, एनडीटीवी में 4.99 फीसदी और अडाणी पॉवर में 4.98 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. हालांकि, अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 9.68 फीसदी और एसीसी के 7.78 फीसदी चढ़े.

अडाणी एंटरप्राइजेज का एफपीओ वापस

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर दोनों ओर से मचे हंगामे के बीच अडाणी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को एक बयान में कहा था कि असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर कंपनी के निदेशक मंडल ने फैसला किया है कि एफपीओ पर आगे बढ़ना नैतिक रूप से ठीक नहीं होगा. निवेशकों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है और उन्हें किसी तरह के संभावित नुकसान से बचाने के लिए निदेशक मंडल ने एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया है.


एफपीओ पर खुदरा निवेशकों की प्रतिक्रिया ठंडी

बीएससी के आंकड़ों के अनुसार, अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ के तहत 4.55 करोड़ शेयरों की पेशकश की गई थी, जबकि इसपर 4.62 करोड़ शेयरों के लिए आवेदन मिले थे. गैर संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित 96.16 लाख शेयरों पर करीब तीन गुना बोलियां मिली थीं. वहीं, पात्र संस्थागत खरीदारों के खंड के 1.28 करोड़ शेयरों पर पूर्ण अभिदान मिला था. हालांकि, एफपीओ को लेकर खुदरा निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों की प्रतिक्रिया ठंडी रही थी.

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गौतम अडाणी ने निवेशकों का जताया आभार

एफपीओ वापस की घोषणा करते हुए अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के अध्यक्ष गौतम अडाणी ने बुधवार को कहा था कि पिछले हफ्ते कंपनी के शेयर में काफी उतार चढ़ाव के बावजूद एफपीओ मंगलवार को सफलतापूर्वक बंद हुआ. कंपनी और उसके कारोबार के प्रति आपका भरोसा हमारा विश्वास बढ़ाने वाला है, जिसके लिए हम आपके आभारी हैं. अडाणी ने कहा कि आज कंपनी के शेयर में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव रहा. उन्होंने कहा कि असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर कंपनी के निदेशक मंडल ने फैसला किया है कि एफपीओ पर आगे बढ़ना नैतिक रूप से ठीक नहीं होगा. निवेशकों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है और उन्हें किसी तरह के संभावित नुकसान से बचाने के लिए निदेशक मंडल ने एफपीओ को वापस लेने का फैसला किया है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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