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ITR फॉर्म भरना पहले से हुआ आसान, अधिक लाभकारी विकल्प चुनने की होगी व्यवस्था, जानिए उसकी खासियत

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने आकलन वर्ष 2021 -22 (AY 2020-21) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म नोटिफाई कर दिए हैं. इनमे ITR 1, सहज 2, 3, 4, सुगम 5, 6, 7 और ITR-V फॉर्म शामिल है. CBDT ने कहा है कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए पुराने फॉर्म के मुकाबले नए ITR फॉर्म में ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं, ताकि टैक्सपेयर्स को सुविधा मिल सके. इसमें सिर्फ कुछ जरूरी बदलावों को इनकम टैक्स एक्ट 1961 में संशोधनों की वजह से रखा गया है.

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने आकलन वर्ष 2021 -22 (AY 2020-21) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म नोटिफाई कर दिए हैं. इनमे ITR 1, सहज 2, 3, 4, सुगम 5, 6, 7 और ITR-V फॉर्म शामिल है. CBDT ने कहा है कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए पुराने फॉर्म के मुकाबले नए ITR फॉर्म में ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं, ताकि टैक्सपेयर्स को सुविधा मिल सके. इसमें सिर्फ कुछ जरूरी बदलावों को इनकम टैक्स एक्ट 1961 में संशोधनों की वजह से रखा गया है.

अधिक लाभकारी कर व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा

इस साल टैक्स फाइल करने की प्रक्रिया हर टैक्सपेयर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि यह पहली बार है, जब टैक्सपेयर के पास अधिक लाभकारी कर व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा. हालांकि, इसमें कोई ज्यादा बड़ा बदलाव नहीं किया गया है. इससे टैक्सपेयर को इसका पालन करना आसान होगा और वे सूचना देने में सक्षम हो सकेंगे.

यहां से कर सकते है e-फॉर्म डाउनलोड

CBDT की ओर से जारी किया गया नया आईटीआर फॉर्म इस लिंक पर उपलब्ध है, जहां से आप इसे आसानी से डाउनलोड कर सकते है. https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/226336.pdf

सहज और सुगम फॉर्म अभी भी आएंगे काम

सहज और सुगम फॉर्म में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सबसे आसान फॉर्म हैं, जिसका इस्तेमाल बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम टैक्सपेयर्स करते हैं. सहज फॉर्म वो टैक्सपेयर्स भरते हैं, जिनकी सालाना कमाई 50 लाख रुपये तक होती है, वैसे लोग जिनकी आमदनी सिर्फ सैलरी पर टिकी होती या एक घर से आमदनी होती या ब्याज जैसे दूसरे स्रोतों से होती है, वैसे लोग भी सहज फॉर्म फाइल करते है. वहीं सुगम फॉर्म वह लोग भरते हैं, जिनकी आमदनी 50 लाख रुपये तक होती है और ये आय बिजनेस या किसी प्रोफेशन से होती है. साथ ही, ऐसे लोग हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली और फर्म से भी जुड़े होने चाहिए.

बिजनस या प्रोफेशन आय नहीं होने पर

जिन इंडिविजुअल्स की और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली की आय बिजनस या प्रोफेशन से नहीं होती है, वह आईटीआर-2 (बिजनस के मामले में) और आईटीआर-3 (प्रोफेशन के मामले में) भर सकते हैं. इंडिविजुअल, हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली और कंपनियों के अलावा जैसे पार्टनरशिप फर्म, एलएलपी आईटीआर-5 फॉर्म भर सकते हैं. कंपनियां आईटीआर फॉर्म-6 भर सकती हैं. छूट क्लेम करने वाले संस्थान जैसे ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टियां और चैरिटेबल इंस्टिट्यूशन, आयकर अधिनियम के तहत आईटीआर फॉर्म-7 भर सकते हैं.

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Posted by : Vishwat Sen

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