इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने ऐसी बात कही है जिसकी चर्चा जोरों पर हो रही है. उन्होंने यूपीए सरकार के अंतिम वर्षों के कार्यकाल को लेकर सवाल उठाया है साथ ही निर्णय लेने में देरी पर अफसोस जनक करार दिया है. हालांकि, उन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को असाधारण व्यक्ति बताया है. नारायण मूर्ति ने ये बातें भारतीय प्रबंधन संस्थान - अहमदाबाद (आईआईएम-ए) में युवा उद्यमियों और छात्रों के साथ बातचीत के दौरान कही.
सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के वक्त जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री के पद पर काबिज थे, उस वक्त भारत में आर्थिक गतिविधियां ‘ठहर’ गईं थीं और समय पर निर्णय लेने की बात उस वक्त नहीं देखी गयी. आगे उन्होंने भरोसा जताया कि यंग माइंड भारत को चीन का एक योग्य प्रतिस्पर्धी बनाने की क्षमता रखता है.
मनमोहन सिंह एक असाधारण व्यक्ति थे
एन आर नारायण मूर्ति ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं लंदन में (2008 और 2012 के बीच) एचएसबीसी के बोर्ड में था. पहले कुछ वर्षों में, जब बोर्डरूम (बैठकों के दौरान) में चीन का दो से तीन बार उल्लेख किया गया, तो भारत का नाम एक बार आता था.'' मूर्ति ने आगे कहा कि लेकिन दुर्भाग्य से, मुझे नहीं पता कि बाद में (भारत के साथ) क्या हुआ. (पूर्व पीएम) मनमोहन सिंह एक असाधारण व्यक्ति थे और मेरे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है. लेकिन यूपीए के दौर में भारत ठहर गया था. निर्णय नहीं लिए जा रहे थे.
दुनिया में भारत के लिए सम्मान का भाव
जब उन्होंने एचएसबीसी (2012 में) छोड़ा, तो बैठकों के दौरान भारत का नाम शायद ही कभी आता था, जबकि चीन का नाम लगभग 30 बार लिया गया. एन आर नारायण मूर्ति ने कहा कि आज दुनिया में भारत के लिए सम्मान का भाव है और देश अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.
भाषा इनपुट के साथ