Credit Score: आज के डिजिटल और तेजी से बदलते वित्तीय दौर में क्रेडिट स्कोर आपकी आर्थिक पहचान बन चुका है. यह न सिर्फ यह तय करता है कि आपको लोन मिलेगा या नहीं, बल्कि यह भी निर्धारित करता है कि किस ब्याज दर पर और किन शर्तों के साथ मिलेगा. करियर की शुरुआत करने वाले युवाओं से लेकर रिटायरमेंट के करीब खड़े लोगों तकहर उम्र में मजबूत क्रेडिट स्कोर वित्तीय सुरक्षा और भविष्य की योजना के लिए बेहद जरूरी है.
भारत के प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो कौन-से हैं?
देश में क्रेडिट स्कोर जारी करने वाले प्रमुख संस्थानों में शामिल हैं.
- CIBIL
- Equifax
- Experian
- CRIF High Mark
इन सभी ब्यूरो द्वारा अलग-अलग स्कोरिंग मॉडल अपनाए जाते हैं, लेकिन आमतौर पर 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है. इससे पर्सनल लोन, होम लोन और क्रेडिट कार्ड आसानी से मिल जाते हैं.
क्रेडिट सिस्टम से बाहर अब भी करोड़ों लोग
आज भी भारत में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनका कोई क्रेडिट स्कोर ही नहीं है. इसका नतीजा यह होता है कि उनकी आय और ज़रूरतें होने के बावजूद उन्हें लोन नहीं मिल पाता. वनबैंक के संस्थापक विभोर गोयल के अनुसार, भारत में 25–60 वर्ष के लगभग 46 करोड़ लोगों के पास क्रेडिट स्कोर नहीं है, जिससे युवाओं की आर्थिक आकांक्षाएं पूरी नहीं हो पातीं. सुरक्षित और सैलरी-लिंक्ड क्रेडिट इस समस्या का प्रभावी समाधान हो सकता है.
क्रेडिट स्कोर रेंज और उसका मतलब
| क्रेडिट स्कोर | कैटेगरी |
|---|---|
| 800–900 | बेहतरीन |
| 740–799 | बहुत अच्छा |
| 670–739 | अच्छा |
| 580–669 | औसत |
| 300–579 | कमजोर |
20-30 के उम्र में अच्छे क्रेडिट स्कोर के फायदे
इस उम्र में करियर की शुरुआत होती है और पहली बार आर्थिक स्वतंत्रता मिलती है। यही समय होता है जब आपकी क्रेडिट आदतें बनती हैं, जो आगे चलकर लंबे समय तक असर डालती हैं.
- पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन और होम लोन पर कम ब्याज दर
- क्रेडिट कार्ड्स की आसानी से मंज़ूरी और ऊँची क्रेडिट लिमिट
- कार, बाइक या पहला घर खरीदने पर सस्ती EMI
- बैंक आपको कम जोखिम वाला ग्राहक मानते हैं
- जल्दी अच्छा स्कोर बनाना भविष्य की वित्तीय राह आसान कर देता है
40 और 50 के उम्र में क्रेडिट स्कोर की अहम भूमिका
इस दौर में जिम्मेदारियां बढ़ती हैं. बच्चों की पढ़ाई, घर का विस्तार, बिजनेस या हेल्थ खर्च. स्थिर आय के बावजूद सही समय पर सस्ता क्रेडिट मिलना बेहद ज़रूरी हो जाता है।
- होम लोन टॉप-अप और बैलेंस ट्रांसफर सस्ते पड़ते हैं
- बिजनेस या प्रोफेशनल लोन आसानी से स्वीकृत होते हैं
- बेहतर जोखिम प्रोफाइल से कुछ मामलों में इंश्योरेंस प्रीमियम भी प्रभावित होता है
- अच्छा क्रेडिट स्कोर इस दौर में वित्तीय दबाव को कम करता है.
60 के करीब रिटायरमेंट की सुरक्षा में क्रेडिट स्कोर
- बिना कमाई के समय में भी कम ब्याज पर लोन लेने में सुविधा
- कई बैंक उच्च स्कोर वालों को सेक्योर क्रेडिट कार्ड देते हैं
- पारिवारिक वित्तीय प्लानिंग और जरूरत के समय लिक्विडिटी बनाए रखने में मदद
Also Read: FD Interest Rates: वरिष्ठ नागरिकों के लिए FD में बड़ा फायदा, कई बैंक दे रहे हैं 7% से ज्यादा ब्याज
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

