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GST Reforms: भारत के 6.4 करोड़ एमएसएमई के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा जीएसटी रिफॉर्म्स, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

GST Reforms: भारत में 22 सितंबर 2025 से लागू जीएसटी सुधारों को 6.4 करोड़ एमएसएमई के लिए बड़ा परिवर्तनकारी कदम माना जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि कर दरों में कटौती से उत्पादन लागत घटेगी, मार्जिन सुधरेगा और प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी. करीब 400 उत्पादों को नए स्लैब में लाने से छोटे उद्योगों को सीधा लाभ होगा. इन सुधारों से एमएसएमई क्षेत्र को आत्मनिर्भरता, रोजगार सृजन और निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी.

GST Reforms: 22 सितंबर 2025 में लागू किए गए जीएसटी सुधारों को देश के आर्थिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव माना जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम केवल कर ढांचे में संशोधन भर नहीं है, बल्कि 6.4 करोड़ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की आर्थिक गतिविधियों को गति देने वाला रणनीतिक सुधार है. जमशेदपुर स्थित एक्सएलआरआई स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में वित्त के प्राध्यापक त्रिलोचन त्रिपाठी ने इन सुधारों को 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार बताया.

त्रिलोचन त्रिपाठी के अनुसार, छोटे विनिर्माताओं और सेवा प्रदाताओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले कई कच्चे माल पर कर दरें घटाई गई हैं।.इससे सीधे तौर पर उत्पादन लागत कम होगी और मार्जिन में सुधार देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा, “जीएसटी कटौती से छोटे कारोबारियों की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी. यह सुधार दीर्घकालिक रूप से एमएसएमई को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सहायक होंगे.”

व्यापार संगठनों की प्रतिक्रिया

सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एससीसीआई) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मानव केडिया ने भी इन सुधारों को सकारात्मक करार दिया. उन्होंने कहा कि यह बदलाव केवल संरचनात्मक नहीं है, बल्कि यह एमएसएमई सेक्टर के विकास के लिए एक रणनीतिक कदम है. केडिया के अनुसार, 22 सितंबर से लागू इन सुधारों में करीब 400 उत्पादों को 5% और 18% कर स्लैब में लाया गया है. इसका सीधा लाभ उन उद्यमों को मिलेगा जो रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं बनाते हैं. इससे न केवल उनकी लागत घटेगी बल्कि बाजार में मांग भी बढ़ेगी.

एमएसएमई सेक्टर को बड़ा सहारा

भारत का एमएसएमई क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. 6.4 करोड़ से अधिक एमएसएमई रोजगार सृजन, निर्यात बढ़ाने और जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. हालांकि, यह क्षेत्र अक्सर उच्च कर बोझ और जटिल अनुपालन प्रक्रियाओं की चुनौतियों से जूझता रहा है. नई जीएसटी दरों से अब इन उद्यमों के लिए कर अनुपालन आसान होगा और वित्तीय दबाव भी कम होगा. इससे छोटे कारोबारियों को विस्तार करने और नई तकनीकों को अपनाने में मदद मिलेगी.

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एमएसएमई सेक्टर की स्थिति होगी मजबूत

विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में इन सुधारों का असर केवल लागत और मार्जिन तक सीमित नहीं रहेगा. इससे एमएसएमई सेक्टर की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति मजबूत होगी, निर्यात में वृद्धि होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. जीएसटी सुधारों ने एमएसएमई सेक्टर के लिए नई ऊर्जा का संचार किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार समय-समय पर ऐसे सुधार जारी रखे, तो यह क्षेत्र न केवल घरेलू बाजार में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी मजबूत पहचान बना सकता है.

भाषा इनपुट के साथ

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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