Travel Tips: साल के आखिर में ज्यादातर लोग छुट्टियों की प्लानिंग करते हैं. कोई पहाड़ों की सैर करता है तो कोई समंदर किनारे मस्ती. लेकिन इस बार ट्रैवल का बजट बनाते वक्त आपको GST 2.0 का नया नियम जरूर ध्यान में रखना होगा. सरकार ने होटल और एयर ट्रैवल पर टैक्स स्ट्रक्चर बदल दिया है. सही प्लानिंग की तो खर्चा बचेगा, वरना छुट्टियों का मजा फीका पड़ सकता है.
होटल बुकिंग का नया हिसाब
पहले 7,500 रुपये तक के होटल कमरे पर 12 प्रतिशत GST लगता था. अब सरकार ने इसे घटाकर सिर्फ 5 प्रतिशत कर दिया है. इसका फायदा बजट ट्रैवलर्स को मिलेगा. मान लीजिए आपने 7,000 रुपये का कमरा लिया. पहले उस पर 840 रुपये टैक्स देना पड़ता था. अब सिर्फ 350 रुपये देना होगा. यानी हर दिन करीब 490 रुपये की बचत.
लेकिन जैसे ही आप 7,500 की लिमिट पार करेंगे, खेल बदल जाएगा. अगर आपने 8,000 रुपये वाला कमरा बुक किया तो उस पर 18 प्रतिशत GST लगेगा. इसका मतलब है 1,440 रुपये टैक्स और कुल बिल 9,440 रुपये. नतीजा ये कि सिर्फ 1,000 रुपये महंगे कमरे में आपको लगभग 2,000 रुपये ज्यादा देने पड़ेंगे. इसलिए होटल चुनते वक्त हमेशा 7,500 रुपये से कम का रूम देखना ही समझदारी है.
फ्लाइट टिकट पर असर
22 सितंबर 2025 से हवाई टिकटों पर भी नया GST नियम लागू होगा. इकोनॉमी क्लास यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं है. उन पर टैक्स वही 5 प्रतिशत रहेगा. लेकिन बिजनेस, प्रीमियम इकोनॉमी और फर्स्ट क्लास टिकटों पर अब 12 प्रतिशत की जगह 18 प्रतिशत GST लगेगा. इससे महंगे टिकट और महंगे हो जाएंगे.अगर आप प्रीमियम क्लास में ही सफर करना चाहते हैं तो सबसे सही समय है कि 22 सितंबर से पहले टिकट बुक कर लें. चाहे यात्रा की तारीख बाद की हो, लेकिन बुकिंग पर पुराना टैक्स रेट ही लागू होगा.
कैंसिलेशन का नियम
मान लीजिए आपने पुरानी दर यानी 12 प्रतिशत GST के साथ टिकट खरीदा और बाद में कैंसिल कर दिया. एयरलाइन आपको उतना ही GST वापस करेगी. बाद में टैक्स दर बढ़ भी गई तो आपकी रिफंड राशि पर उसका असर नहीं पड़ेगा. अगर आप किसी ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी से बुकिंग कर रहे हैं तो ध्यान रहे कि होटल का GST और एजेंसी की सर्विस पर लगने वाला GST अलग-अलग होगा. पैकेज टूर कंपनियां भी नए नियम के हिसाब से बिल बनाएंगी.
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