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FPI Data: फरवरी के महीने में भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों का हुआ मोह भंग, 3,776 करोड़ रुपये निकाला

FPI Data: अमेरिकी में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने और घरेलू तथा वैश्विक मोर्चे पर ब्याज दर को लेकर अनिश्चितता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 3,776 करोड़ रुपये निकाले हैं.

FPI Data: भारतीय शेयर बजार में पिछले एक महीने में औसत कारोबार हुआ है. सेंसेक्स ने पिछले एक महीने में 1.04 प्रतिशत यानी 743.41 अंक चढ़ा है. वहीं निफ्टी ने भी निवेशकों को 1.93 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. हालांकि, इस बीच बाजार कई बार बूरी तरह से टूटा. वहीं, अमेरिकी में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने और घरेलू तथा वैश्विक मोर्चे पर ब्याज दर को लेकर अनिश्चितता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 3,776 करोड़ रुपये निकाले हैं. डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. हालांकि, विदेशी निवेशक ऋण या बॉन्ड बाजार को लेकर उत्साहित हैं और समीक्षाधीन अवधि में उन्होंने बॉन्ड बाजार में 16,560 करोड़ रुपये डाले हैं.

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जनवरी में शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये निकाले


आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने के 16 फरवरी तक शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 3,776 करोड़ रुपये की निकासी की है. इससे पहले उन्होंने जनवरी में शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे. इसके साथ, इस साल उनकी कुल निकासी 29,519 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अपेक्षा से अधिक उपभोक्ता मुद्रास्फीति के कारण अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल बढ़ा है जिससे एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक – प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसके अलावा, ताजा बिकवाली की वजह घरेलू और वैश्विक स्तर पर ब्याज दर को लेकर अनिश्चितता भी है.

नवंबर और दिसंबर में हुआ था निवेश


आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले जनवरी में एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 19,836 करोड़ रुपये डाले थे. दिसंबर में उन्होंने 18,302 करोड़ रुपये, नवंबर में 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था. सितंबर 2023 में, जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी ने घोषणा की थी कि वह जून, 2024 से अपने बेंचमार्क उभरते बाजार सूचकांक में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल करेगी. इस कदम ने पिछले कुछ महीनों में देश के बॉन्ड बाजारों में प्रवाह बढ़ा है. कुल मिलाकर, 2023 के लिए कुल एफपीआई प्रवाह शेयरों में 1.71 लाख करोड़ रुपये और ऋण बाजारों में 68,663 करोड़ रुपये रहा. कुल मिलाकर पूंजी बाजार में उनका निवेश 2.4 लाख करोड़ रुपये रहा था.

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