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इस स्कीम में निवेश करेंगे तो मिलेगा रिटायरमेंट पर ज्यादा फायदा और भी कई तरह के लाभ

इस योजना का लाभ लेने के लिए आप इंटरनेट बैकिंग के जरिये भी अकाउंट खोल सकते हैं. अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त करके अकाउंट खोला जा सकता है. NPS में जमा रकम को निवेश करने का जिम्मा PFRDA द्वारा रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर्स को दिया जाता है.

अगर आप अपना भविष्य और सुरक्षित करना चाहते हैं तो बैंक में भारत सरकार की रिटायरमेंट स्कीम नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) ले सकते हैं. देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई भी यह सुविधा देता है. बहुत ही आसान तरीकों से आप प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं. भारत का कोई भी नागरिक इस सुविधा का लाभ ले सकता है बस उसकी उम्र 18 से 65 साल के बीच होनी चाहिए.

इंटरनेट बैकिंग के जरिये भी खोल सकते हैं अकाउंट

इस योजना का लाभ लेने के लिए आप इंटरनेट बैकिंग के जरिये भी अकाउंट खोल सकते हैं. अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त करके अकाउंट खोला जा सकता है. NPS में जमा रकम को निवेश करने का जिम्मा PFRDA द्वारा रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर्स को दिया जाता है. पेंशन फंड रेगुलेटर पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने हाल ही में कहा कि ग्राहक अब नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से बाहर निकलने के लिए ऑनलाइन मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं.

सभी लोग ले सकते हैं लाभ नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था. इसे 2009 में सभी कैटगरी के लोगों के लिए खोल दिया गया. कोई भी व्यक्ति अपने कामकाजी जीवन के दौरान पेंशन खाते में नियमित रूप से योगदान दे सकता है. इकठ्ठा हुई धन राशि के एक हिस्से को वह एक बार में निकाल भी सकता है और बची हुई राशि का इस्तेमाल रिटायरमेंट के बाद नियमित आय प्राप्त करने के लिए कर सकता है.

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NPS में कौन कर सकता है योगदान : एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम एक नया स्कीम है. यह ईपीएफ की तरह पुराना नहीं है, जिसपर लोगों का भरोसा बना हुआ है. यह एक सरकारी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जिसे केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था. इसमें भारतीय नागरिक और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्डहोल्डर्स निवेश कर सकते हैं. एनपीएस एक वालंटरी कांट्रिब्यूशन स्कीम है जिसमें Tier 1 में 500 रुपये और Tier 2 खाते में न्यूनतम 1 हजार रुपये का न्यूनतम योगदान किया जा सकता है. कोई भी इंडिविजुअल अपने एंप्लायर के जरिए या स्वतंत्र रूप से एनपीएस से जुड़ सकता है.

टैक्स डिडक्शन : रेगुलर टैक्स सिस्टम के तहत एंप्लॉयर के जरिए 1.5 लाख रुपये तक का एनपीएस (Tier 1) में एंप्लाई कांट्रिब्यूशन कुल आय से डिडक्ट हो सकता है. वहीं रेगुलर टैक्स सिस्टम के तहत एंप्लाई का 50 हजार रुपये का अपना कांट्रिब्यूशन कुल आय में डिडक्ट हो सकता है. एनपीएस सब्सक्राइबर्स के 60 वर्ष की उम्र का होने पर उन्हें कॉर्पस से 60 फीसदी रकम निकालने की मंजूरी मिलती है. शेष 40 फीसदी रकम को एन्यूटी के रूप में इंडिविजुअल को पे किया जाता है. इसके अलावा योजना का हिस्सा बनने के 10 साल बाद कॉर्पस से 25 फीसदी तक रकम निकालने की मंजूरी मिलती है.

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ऑनलाइन अकाउंट खोलने की पूरी प्रक्रिया

आनलाइन एनपीएस अकाउंट खोलने के लिए एसबीआई की नेट बैंकिंग सुविधा आपके पास होनी चाहिए.

इसके लिए पहले www.onlinesbi.com पर जाना होगा.

उसके बाद अपना यूजर आईडी और पासवर्ड डालकर लॉग इन करना होगा.

होमपेज खुलने के बाद पेमेंट और ट्रांसफर टैब पर जाकर ‘NPS contributions’ सेलेक्ट करना होगा.

एनपीएस अकाउंट में योगदान देने के लिए फिर जरूरी प्रॉसेस पूरा करना होगा.

एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद जो रकम हर महीने अकाउंट में जमा करनी होगी, वह बैंक बचत खाते से खुद ही कट जाएगी.

आपका यह योगदान अकाउंट खोले जाने के बाद से लगातार 60 साल की उम्र तक चलता रहेगा.

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