21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

साइरस मिस्त्री के कारण समूह कंपनियों को भारी वित्तीय नुकसान : टाटा संस

मुंबई : टाटा संस ने साइरस मिस्त्री के उन आरोपों का आज जोरदार खंडन किया कि कंपनी का प्रबंधन करने वाले ट्रस्टों के संचालन में कमियां हैं. अपने पूर्व चेयरमैन मिस्त्री पर पलटवार करते हुए कंपनी ने कहा है कि टाटा समूह के ट्रस्टों का संचालन जमशेदजी टाटा व उनके दो बेटों की व्यक्तिगत वसीयतों […]

मुंबई : टाटा संस ने साइरस मिस्त्री के उन आरोपों का आज जोरदार खंडन किया कि कंपनी का प्रबंधन करने वाले ट्रस्टों के संचालन में कमियां हैं. अपने पूर्व चेयरमैन मिस्त्री पर पलटवार करते हुए कंपनी ने कहा है कि टाटा समूह के ट्रस्टों का संचालन जमशेदजी टाटा व उनके दो बेटों की व्यक्तिगत वसीयतों से होता है. इसके साथ ही कंपनी ने मिस्त्री पर कंपनियों को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. टाटा संस 100 अरब डालर के टाटा समूह की अंशधारक कंपनी है जिसके चेयरमैन पद से मिस्त्री को पिछले महीने अचानक हटा दिया गया था.

टाटा संस ने एक बयान में कहा है कि मिस्त्री के बयानों से इस औद्योगिक घराने व उनकी कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है और ‘सभी शेयरधारकों को हजारों करोड़ रुपये का भारी वित्तीय नुकसान हुआ है.’ जिन कंपनियों को नुकसान हुआ है उनमें वे कंपनियां भी शामिल हैं जिनके चेयरमैन मिस्त्री अभी बने हुये हैं. टाटा संस ने एक बयान में कहा है, ‘ट्रस्टों का संचालन जमशेदजी टाटा, उनके बेटे सर दोराबजी टाटा व रतन टाटा तथा अन्य संस्थापकों की निजी वसीयतों से होता है. ये ट्रस्ट इन वसीयतों में तय उद्देश्यों का पालन कर रहे हैं.’

यही कारण है कि विभिन्न ट्रस्ट दशकों से काम कर रहे हैं. इनमें से अनेक ट्रस्टों में रतन टाटा आजीवन चेयरमैन हैं. इन ट्रस्टों की टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इससे पहले टाटा संस और रतन टाटा के खिलाफ अपनी लड़ाई को तेज करते हुए साइरस मिस्त्री ने आज कहा कि टाटा समूह किसी एक व्यक्ति की जागीर नहीं है और इसका भविष्य टाटा घराने के ट्रस्टों के संचालन पर निर्भर करता है.

उन्होंने इन ट्रस्टों के संचालन में कथित कमियों का आरोप लगाते हुए सरकार से अपील की है कि वह इन ट्रस्टों की संचालन व्यवस्था में आई गड़बडि़यों का उपचार कर उन्हें ठीक करे. मिस्त्री को अक्तूबर में टाटा संस के चेयमैन पद से अप्रत्याशित ढंग से हटा कर पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को कंपनी का अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. उसके बाद से ही उनके और टाटा संस के खेमे के बीच खींचतान चल रही है.

मिस्त्री ने इसपर निशाना साधते हुए कहा है कि फैसला करने का पूरा अधिकार किसी एक व्यक्ति के हाथ में नहीं दिया जाना चाहिए और सभी अधिकार किसी एक व्यक्ति या ‘हाई कमांड’ के हाथ में थमा देना. अनैतिक, अनुचित व अमानत में खयानत है. टाटा समूह की छह बड़ी कंपनियों के शेयरधारकों की असाधारण आम बैठकों से पहले मिस्त्री ने कहा है ‘टाटा समूह किसी एक व्यक्ति की जागीर नहीं है. यह किसी अकेले व्यक्ति का नहीं है, चाहे वे टाटा घराने के न्यासी हों, टाटा संस के निदेशक हों या कारोबारी कंपनियों के निदेशक.’

अपनी विरासत को लेकर डरे हुए हैं रतन टाटा : मिस्त्री

टाटा संस के हटाये गये चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने आरोप लगाया कि रतन टाटा में अपनी विरास को लेकर असुरक्षा की भावना है. मिस्त्री के अनुसार टाटा ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार बिना किसी को बताए या स्पष्टीकरण दिए फैसला करने का पूरा अधिकार है. मिस्त्री ने टाटा समूह की उन छह कंपनियों के शेयरधारकों को भेजे पत्र में उक्त आरोप लगाया है जिनकी असधारण आम बैठकें होने जा रही हैं. इन बैठकों में मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने के प्रस्ताव पर फैसला होना है.

इसमें मिस्त्री ने कहा है कि उन्होंने टाटा को पूरा ‘सम्मान’ दिया. उन्होंने कहा, ‘वास्तव में कोई भी सेवानिवृत्त चेयरमैन अपनी विरासत को लेकर चिंतित हो सकता है कि उसको खतरा है. लेकिन एक सेवानिवृत्त चेयरमैन बिना असुरक्षा की भावना के आगे बढ़ सकता है और यह समझ सकता है कि किसी समय किया गया फैसला भले सही हो लेकिन हो सकता है कि किसी अन्य समय वही फैसला सही नहीं हो.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें