नयी दिल्ली : चालू वित्त वर्ष के शुरूआती चार माह के दौरान राजकोषीय घाटा पूरे वित्त वर्ष के लिये लगाये गये अनुमान का 73.3 प्रतिशत यानी 3.93 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इससे पिछले वित्त वर्ष 2015-16 की इसी चार माह की अवधि में यह 69.3 प्रतिशत रहा था.
राजकोषीय घाटा किसी भी वित्त वर्ष के दौरान होने वाली कुल प्राप्तियों और खर्च का अंतर होता है. वर्ष 2016-17 के दौरान इसके 5.33 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. यह राशि देश की जीडीपी का 3.5 प्रतिशत होगी. महालेखा नियंत्रक के आंकडों के अनुसार अप्रैल से जुलाई 2016 के दौरान शुद्ध कर प्राप्तियां 2.22 लाख करोड़ रुपये रही है.
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