लीमा (पेरु): भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में कोटा सुधारों को लागू करने में हो रही देरी पर कडी आपत्ति जताई है. वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा है कि इस बहुपक्षीय संस्था के संचालन में किये जाने वाले इन सुधारों के अभाव में इसे अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन में मुश्किल होगी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्त समिति (आईएमएफसी) के पूर्ण सत्र में कल यहां जेटली ने कहा ‘‘यदि आईएमएफ में कोटा एवं इसके संचालन में सुधारों को लागू नहीं किया जाता है, तो अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष को अपने उत्तरदायित्व को निभाने में मुश्किल होगी. ” आईएमएफ कोटा सुधारों का लक्ष्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को बहुपक्षीय संस्था के संचालन में ज्यादा अधिकार देना है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में आईएमएफ की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने आईएमएफ कोटा की 41वीं आम समीक्षा के कार्यान्वयन में अप्रत्याशित देरी पर चिंता जाहिर की.
जेटली ने कहा कि आईएमएफ द्वारा अनुमानित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य उत्साहजनक नहीं है जिसका भारत के निर्यात पर असर होगा.भारत में पिछले लगातार दो साल से सामान्य कमजोर मानसून रहा है.जेटली ने कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने पिछले साल 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की जो 2013-14 में दर्ज 6.9 प्रतिशत से उल्लेखनीय रुप से अधिक है. इस साल भारत को इससे भी अच्छी वृद्धि दर पाने की उम्मीद है. भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत सरकार राजकोषीय पुनर्गठन के प्रति प्रतिबद्ध है. वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान चालू खाते का घाटा :कैड: उल्लेखनीय रुप से घटकर करीब 1.3 प्रतिशत पर आ गया जो दो साल पहले सकल घरेलू उत्पाद के 4.8 प्रतिशत के बराबर था. इसी तरह उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले भारत में मुद्रास्फीति दहाई अंक में थी और अब मुद्रास्फीति घटकर 3.7 प्रतिशत रह गई है.आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक उन्होंने कहा कि देश कच्चे तेल और जिंस मूल्य में नरमी की स्थिति का उपयोग बुनियादी ढांचा एवं सिंचाई में निवेश बढाने में कर रहा है.
जेटली ने कहा भारत ने सब्सिडी को व्यापक तरीके से तर्कसंगत बनाया है और विश्व में सबसे बडी वित्तीय समावेशी पहल को सफलतापूर्वक शून्य किया है जिसके तहत करीब 18.5 करोड बैंक खाते खोले गए हैं.इधर, अमेरिका के वित्त मंत्री जैक ल्यू ने भी रिपब्लिकन नियंत्रित कांग्रेस से आईएमएफ कोटा सुधारों को पारित करने के लिए कहा है ताकि उभरते बाजारों को इस बहुपक्षीय संस्था में ज्यादा बडी भूमिका प्रदान की जा सके. साथ ही कहा कि यह अमेरिका के आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है.
ल्यू ने आईएमएफ और विश्वबैंक की सालाना बैठक में कहा ‘‘बरसों तक अमेरिका ने आईएमएफ और बहुराष्ट्रीय विकास प्रणाली का नेतृत्व किया है. हम अपनी संसद में आईएमएफ कोटा सुधार की मंजूरी की प्रक्रिया आगे बढाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं जो हमारे आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है. यह इच्छाशक्ति का सवाल है न कि क्षमता का.” आईएमएफ ने 2010 में कुछ कोटा और कार्य संचालन सुधारों पर सहमति जताई थी ताकि चीन, भारत और ब्राजील जैसे देशों को आईएमएफ की निर्णय प्रक्रिया में ज्यादा भूमिका दी जा सके.
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