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थोक मुद्रास्फीति रिकार्ड निम्न स्तर पर, शून्य से 4.05 प्रतिशत नीचे

नयी दिल्ली : थोक मुद्रास्फीति लगातार नौवें महीने शून्य से नीचे रही. ईंधन और सब्जियों के दाम कम होने से थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति जुलाई माह में शून्य से रिकार्ड 4.05 प्रतिशत नीचे रही. थोक मुद्रास्फीति के रिकार्ड निम्न स्तर को देखते हुये रिजर्व बैंक आगामी 29 सितंबर को होने वाली मौद्रिक नीति […]

नयी दिल्ली : थोक मुद्रास्फीति लगातार नौवें महीने शून्य से नीचे रही. ईंधन और सब्जियों के दाम कम होने से थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति जुलाई माह में शून्य से रिकार्ड 4.05 प्रतिशत नीचे रही. थोक मुद्रास्फीति के रिकार्ड निम्न स्तर को देखते हुये रिजर्व बैंक आगामी 29 सितंबर को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य नीतिगत दर में कटौती कर सकता है. थोकमूल्य आधारित मुद्रास्फीति का यह आंकडा खुदरा मुद्रास्फीति के बाद आया है. खुदरा मुद्रास्फीति भी जुलाई में कम होकर 3.78 प्रतिशत रह गयी.

आज जारी सरकारी आंकडों के मुताबिक पिछले महीने जून में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति शून्य से 2.40 प्रतिशत नीचे थी. नवंबर 2014 से ही थोक मुद्रास्फीति शून्य से नीचे बनी हुई है. गौरतलब है कि एक साल पहले जुलाई 2014 में थोक मुद्रास्फीति 5.41 प्रतिशत पर थी. जुलाई माह में दलहन, दूध, खाद्य तेल, अंडा, मांस एवं मछली महंगी हुई. रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने चार अगस्त को मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद कहा था कि केंद्रीय बैंक मौद्रिक समीक्षा चक्र से बाहर रहकर भी नीतिगत दर में कटौती कर सकता है.

यह इस पर निर्भर करेगा कि वृहद्-आर्थिक संकेतक कैसे रहते हैं. नीतिगत समीक्षा के बाद उन्होंने कहा था ‘हम संकेतक मिलने का इंतजार कर रहे हैं. सुधार के शुरुआती चरण में ज्यादा तेजी से आगे बढने की जरुरत है. हम सभी सूचनाओं को ध्यान में रखेंगे और फैसला करेंगे कि नीतिगत समीक्षा के बीच पहल करने की जरुरत है या नहीं.’ आरबीआइ आम तौर पर नीतिगत दर तय करने के लिए उपभोक्ता मूल्य आधारित मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है और उसकी अगली समीक्षा 29 सितंबर को होनी है. पिछले महीने खाद्य उत्पाद विशेष तौर पर चावल, सब्जी और फल का थोक मूल्य कम हुआ.

कुल मिलाकर खाद्य वर्ग में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति शून्य से 1.16 प्रतिशत नीचे रही जो जून में 2.88 प्रतिशत थी. सब्जियां 24.52 प्रतिशत सस्ती हुईं जबकि आलू की कीमत 49.27 प्रतिशत घटी. जुलाई 2015 में हालांकि, दलहन 35.75 प्रतिशत महंगी हुई जबकि पिछले महीने इसकी कीमत 33.67 प्रतिशत बढी थी. जून महीने में ईंधन और बिजली क्षेत्र की मुद्रास्फीति शून्य से 12.81 प्रतिशत नीचे थी. विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति शून्य से 1.47 प्रतिशत नीचे रही जबकि पिछले महीने यह 0.77 प्रतिशत नीचे थी.

चीनी, पेय, तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पादों की कीमत भी घटी है. सूती कपडे की कीमत भी 4.63 प्रतिशत घटी जबकि चमडे तथा चमडे से बने उत्पादों के दाम 2.43 प्रतिशत घटे. आरबीआइ आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति के आंकडों पर और स्पष्टता चाहता है इसलिए इस महीने हुई मौद्रिक समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने इसे अपरिवर्तित रखा. आरबीआइ ने अगस्त की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को 7.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा.

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