नयी दिल्ली : पिछले दो महीनों से दालों की कीमतों में लगातार बढोतरी की शिकायतों से परेशान नरेंद्र मोदी सरकार ने दाल के आयात का मन बनाया है. इतना ही नहीं सरकार जमाखोरों पर सख्त कार्रवाई की भी तैयारी कर रही है. केंद्र सरकार ने आज कहा कि दालों की बढती कीमत पर अंकुश लगाने के लिए वह इनका बडी मात्रा में आयात करेगी ताकि आपूर्ति बढाई जा सके. साथ ही राज्यों से कहा गया है कि वे जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक में मंत्रिमंडल ने मूल्य वृद्धि पर चिंता जाहिर की और इससे निपटने के लिए इनका आयात बढाने तथा अन्य उपाय करने का फैसला किया. दालों की कीमत पिछले एक साल में 64 प्रतिशत बढी है क्योंकि प्रतिकूल मौसम के कारण दलहानों का घरेलू उत्पादन 2014-15 फसल वर्ष में करीब 20 लाख टन घट गया था. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा ‘सरकार दलहन की बढती कीमत के प्रति बेहद गंभीर है.
दलहन का उत्पादन कम रहा है. जितनी जरुरत होगी हम उतने दलहन का आयात करेंगे.’ उन्होंने कहा ‘हमने राज्य सरकारों से कहा है कि वे जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करें.’ मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘मंत्रिमंडल ने दालों की बढती कीमत के बारे में चर्चा हुई और इस पर चिंता जाहिर की गई. प्रधानमंत्री ने दालों का भारी मात्रा में आयात किये जाने का निर्देश दिया ताकि देश में इसकी कीमतों पर अंकुश लग सके.’
यह पूछने पर कौन सी एजेंसी दलहनों का आयात करेगी, पासवान ने कहा कि इसके तौर तरीकों पर जल्दी ही फैसला किया जाएगा. पिछले साल कम बारिश और इस साल मार्च-अप्रैल में बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि के कारण दलहन उत्पादन 2014-15 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 1.73 करोड टन रह गया जो इससे पिछले फसल वर्ष में 1.92 करोड टन था. भारत घरेलू मांग को पूरा करने के लिए करीब 40 लाख टन दालों का आयात करता है. यह आयात मुख्यत: निजी व्यापार के जरिए होता है.
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