नयी दिल्ली : सरकार द्वारा विधि आयोग के चेयरमैन ए पी शाह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति के गठन की घोषणा के बाद वित्त मंत्रालय ने विदेशी निवेशकों से न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) की वसूली के लिए जोर जबर्दस्ती नहीं करने का फैसला किया है. विदेशी निवेशकों से जुडे मैट विवाद के शीघ्र समाधान के लिए वित्त मंत्रालय न्यायमूर्ति ए पी शाह समिति के लिए नियम व शर्तें तय कर रहा है. इनकी घोषणा चार दिन में हो सकती है.
सूत्रों ने बताया कि इस बारे में राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने आज विधि आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति शाह से मुलाकात की. सूत्रों ने बताया कि इस समिति में मुख्य रूप से कर विशेषज्ञ शामिल होंगे. मंत्रालय अभी उस समयसीमा पर विचार कर रहा है, जो समिति को रपट देने के लिए दी जाएगी.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को राज्यसभा में शाह की अध्यक्षता में समिति के गठन की घोषणा की थी. यह समिति विदेशी संस्थागत निवेशकों पर मैट से संबंधित विवाद के निपटान के तरीके सुझाएगी. सूत्रों ने बताया कि समिति के लिए नियम व शर्तें अगले तीन-चार दिन में जारी कर दी जाएंगी.
यह देखते हुए कि उच्च न्यायालय में कई व उच्चतम न्यायालय में एक मामला लंबित है, समिति की रपट से सरकार को मैट विवाद के निपटान के लिए आगे की दिशा मिलेगी. कर विभाग पहले ही 68 एफआइआइ को 602 करोड रुपये के मैट भुगतान का नोटिस जारी कर चुका है.
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