पेरिस : भारत में करीब 3.5 लाख संपन्न लोगों ने सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) लेना छोड़ दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इससे बचने वाली राशि का स्थानांतरण उन लोगों को किया जाएगा जो आज भी खाना पकाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल करते हैं.
मोदी ने यहां प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के समूह को संबोधित करते हुए कहा कि वह करीब एक सप्ताह पहले यह सोच रहे थे कि संपन्न लोग क्यों नहीं एलपीजी सब्सिडी सरेंडर करते हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में किए गए आह्वान में शामिल होते हुए करीब दो लाख लोगों ने एक सप्ताह में ही स्वेच्छा से एलपीजी सब्सिडी छोड दी है. इससे वह उत्साहित हैं.
प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले गुरूवार तक 3.5 लाख लोगों ने एलपीजी सब्सिडी छोडी थी. उन्होंने कहा, ‘इससे जो पैसा बचेगा वह सरकारी खजाने में नहीं जाएगा, बल्कि उन लोगों को दिया जाएगा जो आज भी खाना पकाने के लिए लकडी का इस्तेमाल करते हैं.’ मोदी ने कहा कि,’ इससे जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी. जब तक खाना पकाने के लिए लकडी का इस्तेमाल किया जाता रहेगा, जंगलों की कटाई जारी रहेगी.’
जनधन योजना का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इसे यह सुनिश्चित करने के लिए पेश किया गया है कि गरीब से गरीब लोगों का बैंक खाता हो. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने इसकी घोषणा की थी. इस साल गणतंत्र दिवस तक इस योजना को पूरा किया जाना था.
मोदी ने कहा कि इस योजना का नतीजा यह हुआ कि आज 13 करोड लोगों को सब्सिडी का प्रत्यक्ष अंतरण मिल रहा है. इससे लीकेज खत्म हुआ और बिचौलियो को दूर रखने में मदद मिली है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 माह के दौरान प्रधानमंत्री के रुप में अपने अनुभव के आधार पर वह कह सकते हैं कि इस बात की कोई वजह नहीं है कि भारत गरीब रहे. भारत को ऐसा विकसित देश बनाने जो फ्रांस जैसे विकसित देश को भी पीछे छोड दे, के सपने के बारे में मोदी ने कहा कि देश में काफी संभावनाएं हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का पूर्वी क्षेत्र अब भी पीछे है. उनका उद्देश्य बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल व ओडिशा जैसे राज्यों को विकसित बनाना है. मोदी ने कहा, ‘कुछ चीजें रह गई हैं जो मुझे करनी हैं.’ उन्होंने कहा कि वह राज्यों पर विकास के लिए दबाव डाल रहे हैं और उनसे स्वास्थ्य सेवा आदि पर धन खर्च करने को कह रहे हैं.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.